न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): Weather Update: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि उत्तरी-पश्चिम और मध्य भारत में शीत लहर और ठंडे दिन के हालात शनिवार (29 जनवरी 2022) के बाद धीरे-धीरे खत्म होने की संभावना है, जबकि उत्तर-पश्चिम, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में 2 से 4 फरवरी तक बारिश होगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) के मुताबिक, “अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के ज़्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई अहम बदलाव की संभावना नहीं है और उसके बाद धीरे-धीरे 4-6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होगी।”
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश, राजस्थान
2 फरवरी तक उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के ज़्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान 3-5 डिग्री सेल्सियस बढ़ने और उसके बाद गिरने की संभावना है। अगले चार दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सतही हवायें (15-25 किमी प्रति घंटे की गति) चलने की संभावना है।
अगले 3 दिनों के दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान में कोई अहम बदलाव की संभावना नहीं है और उसके बाद तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस गिर जाएगा। अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर (Cold Wave) के हालात बनने की संभावना है और इसके बाद इसमें कमी आयेगी।
अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में अलग-अलग इलाकों में ठंड के दिन रहने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आयेगी।
गुजरात
अगले दो दिनों के दौरान गुजरात में न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा और उसके बाद तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ने की संभावना नहीं है।
ओडिशा, मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़
अगले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में ठंडा दिन के हालातों गंभीर ठंडे दिनों में तब्दील होने की संभावना है और उसके बाद इसमें धीरे-धीरे कम आयेगी। अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश और ओडिशा में और अगले 24 घंटों के दौरान विदर्भ और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में शीत लहर के हालात पैदा होगें और उसके बाद इसमें धीरे-धीरे कम आयेगी।
जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश
आईएमडी ने मौजूदा मौसमी हालातों ठंड और बारिश के लिये पश्चिमी विक्षोभ की मौजूदगी को जिम्मेदार ठहराया। मध्य क्षोभमंडल में एक ट्रफ रेखा (Trough Line In The Troposphere) चलती है और मध्य क्षोभमंडल में ट्रफ रेखा के कारण एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) है, जो पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 1 फरवरी तक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के अलग-अलग इलाकों को वर्षा/बर्फबारी के साथ प्रभावित करेगा। एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और इसके कारण साइक्लोनिक सुर्कलेशन 2 फरवरी से उत्तर पश्चिम भारत के प्रभावित होने की संभावना है।
ताजा सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और इससे बने साइक्लोनिक सुर्कलेशन (Cyclonic Circulation) के असर से 2 फरवरी से 4 फरवरी तक पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बड़े पैमाने पर बिजली गरजने/मध्यम बारिश/बर्फबारी होने की संभावना है। जम्मू, कश्मीर गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में 3 फरवरी को अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा/बर्फबारी की भी संभावना है।
पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तर-पूर्व
31 जनवरी और 1 फरवरी को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में छिटपुट, हल्की/मध्यम बारिश होने की संभावना है। अगले 24 घंटों के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
निचले क्षोभमंडल में पश्चिमी हवाओं और पुरवाई के मिलने के कारण बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 3 और 4 फरवरी को और असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर ओला गिरने के साथ बड़े पैमाने पर गरज के साथ छींटे पड़ेगें। कुछ इसी तरह के हालात 4 और 5 फरवरी को मिजोरम और त्रिपुरा में भी देखने को मिलेगें।
दक्षिण भारत
अगले चार दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में और अगले 48 घंटों के दौरान तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में अलग-अलग जगहों पर हल्की बारिश (Light Rain) होने की संभावना है।