Ahir Regiment: आंदोलन ने पकड़ा जोर, प्रदर्शनकारियों ने खून से लिखी चिट्ठी कहा अहीर रेजीमेंट हक़ है हमारा

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): दिल्ली एनसीआर से लगे खेड़कीदौला, गुरुग्राम और अहिरवाल में लगातार अहीर रेजीमेंट (Ahir Regiment) को लेकर आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। इसी क्रम में आंदोलन को धार देने के लिये हरियाणा और राजस्थान के करीब 114 युवाओं ने पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर, राजस्थान मुख्यमंत्री और अशोक गहलोत को खून से चिट्ठी लिखकर अपनी प्रतिबद्धता को ज़ाहिर दिया।

गौरतलब है कि दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस-वे पर खेड़कीदौला टोल के पास अहीर समुदाय के बहुमत समेत कम से कम 400 लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये। इस दौरान 40 मिनट से ज़्यादा समय तक ट्रैफिक जाम रहा। ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों की आवाजाही को डायवर्ट किया साथ ही सर्विस लेन पर भी यातायात प्रभावित दिखा।

इस आंदोलन को समर्थन देने के लिये कई राजनीतिक दल, धार्मिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता धरनास्थल पर पहुँच रहे है। मौके पर लगातार ‘जय यादव जय माधव’ और अहीर रेजीमेंट हक़ है हमारा के नारे गूंजते सुनायी दिये। माना जा रहा है कि अबकि ये आंदोलन लंबा समय तक चलेगा क्योंकि वाटर प्रूफ पंडाल लगाकर आंदोनकारियों (Agitators) ने अपनी इरादे साफ कर दिये। इसके साथ ही मंच से लगातार आंदोलनकारियों से अनुशासित और संयमित रहने की अपील की जा रही है। आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिये धरनास्थल पर मशहूर लोकगायक एमडी यादव और जाने माने यू-ट्यूबर एलवीश यादव भी पहुँचे।

इस मौके पर टाइगर क्लब के मुख्य संरक्षक राकेश यादव (Rakesh Yadav) ने राजनाथ सिंह को खून खत लिखा कि अहीर रेजीमेंट की मांग अहीर समाज लंबे समय से कर रहा है। इस हक़ की आवाज़ को अमली जामा पहनाकर तुरन्त अहीर रेजीमेंट का गठन किया जाये। बता दे कि अहीर/यादव समाज लंबे समय से अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग कर रहा है। इसे लेकर कई दशकों से अलग अलग मंचों के जरिये मांग उठती रही है। इसे लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन हुआ था।

फिलहाल इस प्रदर्शन में राजस्थान और हरियाणा के युवा शामिल है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस आंदोलन की आंच पूरे देश में फैलेगी। जिसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश से होगी। आंदोलन को देशव्यापी बनाने के लिये जल्द ही अहीर समाज देश के अलग अलग हिस्सों में इसकी अलख जगायेगा।

इस आंदोलन के लंबे समय से जुड़े डॉक्टर ईश्वर सिंह यादव (Dr. Ishwar Singh Yadav) ने कहा कि- अहीर रेजीमेंट की मांग लंबे समय से लंबित है। इसे लेकर कई बार ज्ञापन दिये जा चुके है। लोकतांत्रिक रास्तों का इस्तेमाल कर हमने इस मांग को कई बार विभिन्न मंचों से उठाया है। ये जातीय अस्मिता (Ethnic Identity) और अतीत के गौरवगाव से कहीं बढ़कर है। हम अपनी वीरता की विरासत (Legacy Of Bravery) को सिर्फ नाम, नमक और निशान देना चाहते है।

संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा के सदस्य अरुण यादव ने कहा कि अलग अहीर रेजिमेंट की मांग समुदाय की लंबे समय से मांग थी। “70 से अधिक सालों से समुदाय देश के लिये बलिदान किया है। लगभग हर सैन्य ऑप्रेशन और बड़ी जंगों में यादव समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। जैसे सिखों, गोरखाओं, जाटों, गढ़वाल, राजपूतों के लिये अलग जाति आधारित रेजिमेंट है, हम अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग करते हैं।

बता दे कि सितंबर 2021 में झज्जर के गांव पटौदा में ‘शहीदी दिवस समारोह’ के दौरान राजा राव तुला राम की शहादत को याद करते हुए गुड़गांव के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि वो एक अलग अहीर रेजिमेंट के लिये अपनी आवाज उठायेगें।

संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा के संस्थापक सदस्य मनोज यादव ने कहा कि अहीर या यादव रेजिमेंट की मांग उनके सम्मान और अधिकारों की लड़ाई है। पूरे इतिहास में सेना में ज़्यादातक शहीद इसी समुदाय के लोग रहे हैं। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अहीरों को अन्य समुदायों की तरह मान्यता नहीं मिली है। राष्ट्रपति के अंगरक्षक (पीबीजी) की भर्ती सिर्फ राजपूतों, जाटों  और सिख रेजीमेंटों के लिये खुली है। या तो जाति आधारित अन्य रेजीमेंटों को भंग कर देना चाहिये या यादवों के लिये अलग रेजीमेंट का गठन करना चाहिये।

उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण हरियाणा के कई गांवों के साथ सलाह मशवरा के बाद मार्च 2021 में हमने ट्रस्ट के तौर पर अपना मोर्चा पंजीकृत किया और शुक्रवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। हमारी मांगों पर चर्चा के लिये 150 सदस्यों की एक कोर कमेटी का गठन किया। धरना स्थल पर हमें 36 समुदायों और गुजरात, यूपी, बिहार, हरियाणा के लोगों का समर्थन हासिल है। इससे पहले में हमने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को कई बार ज्ञापन दिया है, लेकिन आश्वासन के बावजूद हमारी मांगों को मंजूर नहीं किया गया।

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