न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): UP Election 2022: भीम आर्मी प्रमुख और गोरखपुर से आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के उम्मीदवार चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) ने कहा है कि हालांकि वो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) और बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) से निराश हैं, फिर भी वो उनके साथ चुनाव के बाद गठबंधन करने के लिये तैयार हैं, क्योंकि उनका मकसद भाजपा को यूपी की सत्ता में लौटने से रोकना है।
चंद्रशेखर ने मीडिया से कहा कि उन्होंने भाजपा (BJP) को जीतने से रोकने के लिये अखिलेश से संपर्क करने का प्रयास किया। इस मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- “मैं अखिलेश यादव का सम्मान करता हूं लेकिन मैं अन्य जातियों और धर्मों के लोगों को पीड़ित नहीं देख सकता। उन्होंने मुझे धोखा दिया लेकिन मैं एक मजबूत शख़्स के तौर पर उभरा और अपना आंदोलन खड़ा किया। मैंने दूसरी छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया और सामाजिक परिवर्तन मोर्चा का गठन किया। प्रदेश में जनता को विपक्षी दलों को वोट देना चाहिये? क्या उन्होंने (उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियां) लोगों के लिये लड़ाई लड़ी है या उन्हें भाजपा की तानाशाही से बचाया है? अखिलेश कह रहे हैं कि अगर वे चुने गये तो पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेंगे, लेकिन जब वो मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया साल 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे? हालांकि, हम देखेंगे कि चुनाव के बाद क्या होता है और बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिये जो भी जरूरी होगा वो मैं अपने स्तर पर करूंगा।”
ये पूछे जाने पर कि क्या वो खुद को एक दलित नेता (Dalit leader) के तौर पर पेश कर रहे हैं, इस पर चंद्रशेखर ने कहा कि, “मुझे दलित नेता के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन मैं ‘बहुजन एकता’ की दिशा में काम कर रहा हूं। मैंने एनईईटी कोटा, ओबीसी एनआरसी, जनगणना, सीएए और जैसे विभिन्न मुद्दों के लिये लड़ाई लड़ी है। मैंने युवा को नेतृत्व स्थापित किया है और गरीबों को काम करने का मौका दिया है। अखिलेश यादव और मायावती जैसे नेताओं को लोगों से ज़्यादा अपनी खुद की राजनीति की चिंता है। मायावती ने बीते पांच सालों में दलितों के लिये क्या किया? रैलियां करना और वोट मांगना उनका काम नहीं है। उन्हें दलितों के साथ खड़ा होना चाहिये। मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन मैं दलित समाज को बसपा के हाथों मरने के लिये नहीं छोड़ सकता।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के खिलाफ चुनाव लड़ने पर चंद्रशेखर ने कहा कि, “योगी आदित्यनाथ कभी भी मुख्यमंत्री पद के लिये सबसे आगे नहीं थे। असल में वो विधायक भी नहीं थे। भाजपा ने ओबीसी के आधार पर वोट मांगे लेकिन उन्हें बनाया मुख्यमंत्री। उनकी पार्टी के एक सांसद ने खुले तौर पर कहा है कि योगी ने उनके साथ बदसलूकी की है। उनके जैसे अन्य विधायक उनके विरोध में बैठ गये। वो एक तानाशाह हैं और जब लोग तानाशाहों के खिलाफ खड़े होते हैं तो इंदिरा गांधी जैसे मजबूत नेता भी चुनाव हार जाते हैं।” एएसपी नेता ने आगे कहा कि गोरखपुर को एक उम्मीदवार या एक पार्टी का गढ़ नहीं माना जाना चाहिये। उन्होनें कहा कि- “लोग तय करते हैं कि उनकी अगुवाई कौन करेगा। देखिये मुख्यमंत्री ने पिछले पांच सालों में क्या किया। हाथरस बलात्कार की घटना एक उदाहरण है कि राज्य के साथ क्या गलत हुआ है। ये घटना अपने आप में बड़ी भयावह थी, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई हुई जिसमें उन्होंने परिवार को उनकी बेटी का दाह संस्कार करने के अधिकार से वंचित कर दिया। सरकार ने परिवार के सदस्यों को नौकरी देने का वादा किया लेकिन कुछ भी नहीं दिया। सरकार का कहना है कि अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाये जा रहे हैं लेकिन उनके खिलाफ वारंट के बावजूद खुले घूमने वालों का क्या क्योंकि वे मुख्यमंत्री के करीबी हैं। योगी जनता के नहीं बल्कि अपने ठाकुर समुदाय के नेता (Thakur community leader) हैं।”