बिजनेस डेस्क (राज कुमार): भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पॉलिसीधारकों आगामी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO- Initial Public Offering) पर छूट की पेशकश की जा सकती है। एलआईसी न सिर्फ भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक है, जिसमें लाखों लोगों ने इसकी पॉलिसी ऑफरिंग्स (Policy Offerings) में इंवेस्टमेंट किया है।
अपने विनिवेश (Disinvestment) को आगे बढ़ाने के हिस्से के तौर पर भारत सरकार एलआईसी के सबसे कामयाब आईपीओ पर नजर रखेगी। निवेश और प्रकाशन परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे के मुताबिक सरकार इस हफ़्ते एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) के लिये ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (Draft Red Herring Prospectus-DRHP) प्रस्ताव दस्तावेज दाखिल करेगी। पांडे ने कहा कि ‘रिटेल विंडो’ के तहत कुछ रिर्जवेशन है और आईपीओ में “पॉलिसीहोल्डर्स विंड़ो” भी होगी।
इस पर दीपम तुहिन कांता पांडे ने कहा कि- हमने एलआईसी अधिनियम के तहत प्रावधान किये हैं कि पॉलिसीधारकों को प्रतिस्पर्धी आधार पर आईपीओ पर पर 10% तक की छूट देने की पेशकश की जा सकती है। कर्मचारियों के लिये भी आईपीओ की खरीद में रिर्जवेशन होगा।
ये इशारा करता है कि एलआईसी आईपीओ न सिर्फ पॉलिसीधारकों के लिये बल्कि कर्मचारियों और खुदरा निवेशकों (Retail Investors) के लिये भी छूट के साथ मार्केट में आ सकता है। जो कि अधिकारी ने बताया।
दीपम सचिव ने कथित तौर पर सिर्फ इस संभावना की पुष्टि की कि पॉलिसीधारकों को छूट की पेशकश की जाती है, लेकिन अन्य श्रेणियों को नहीं। इस तरह की छूट का मकसद छोटे निवेशकों को ब्याज की ओर प्रोत्साहित करना होगा। पांडे के मुताबिक सरकारी हिस्सेदारी का प्रतिशत आईपीओ में बेहद कम होगा, जो कि कम से कम 5 फीसदी के आसपास होगा। इसे लगभग तय माना जा रहा है।