बिजनेस डेस्क (राजकुमार): 31 जनवरी को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2021-2022 में सामने आया कि देश में बीते एक दशक में स्पेस सैक्टर में स्टार्टअप (Space Startup) की तादाद में काफी तेजी आयी है। सर्वेक्षण के मुताबिक अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप की संख्या साल 2012 में 1 थी, जो कि साल 2021 में बढ़कर 47 हो गयी। इससे देश में स्पेस स्टार्टअप की कुल तादात 101 हो गयी है, जो इस सैक्टर में भारी इज़ाफे की ओर इशारा करता है।
देश में अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास को और बढ़ावा देने की कवायदों के तहत केंद्र सरकार ने जून 2020 में अंतरिक्ष गतिविधियों के पूरे सैक्टर में निजी फर्मों की भागीदारी को सक्षम बनाना शुरू किया था। इसके लिये देश के पहले अंतरिक्ष सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL- New Space India Limited) की नींव रखी गयी।
एनएसआईएल अपने ग्राहकों को उपग्रह के निर्माण, लॉन्चिंग, और ऑप्रेशंस से जुड़ी सेवायें मुहैया करवाने में मदद करती है। NSIL भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को कई लॉन्च और अन्य अंतरिक्ष मिशनों में भी मदद करता है।
इसरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2012, 2013 और 2014 में लॉन्च किये गये अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या 1 थी, जबकि 2015 में तीन स्टार्टअप लॉन्च किये गये थे। पहला भारी इज़ाफा साल 2019 में देखा गया था, जबकि 45 से ज़्यादा स्पेस बेस्ड स्टार्टअप साल 2021 में रजिस्टर्ड किये गये थे।
इसके अलावा इसरो ने 14 फरवरी को 2022 का पहला अंतरिक्ष मिशन भी लॉन्च किया है, जिसमें तीन सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करना शामिल है। इस मिशन में अर्थ अर्ब्जवेशन सैटेलाइट (EOS-04) PSLV C-52 रॉकेट पर सवार है।
EOS-04 लॉन्च के अलावा, एक स्टूडेंट सैटेलाइट INSPIRESat और अंतरिक्ष यान जिसे INSAT-2DT कहा जाता है, को भी PSLV की मदद से अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया। ये लॉन्चिंग आज (14 फरवरी 2022) सुबह 5:59 बजे हुई और इसे इसरो (ISRO) ने सोशल मीडिया पर लाइव-स्ट्रीम किया।