बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी के तौर पर एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABGSL -ABG Shipyard Limited) का घोटाला सामने आया। इस कंपनी ने 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। सीबीआई ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड का खाता 30 नवंबर 2013 को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बन गया। एजेंसी ने आरोपी निदेशकों, प्रमोटरों और सरकारी अधिकारियों को भारत से भागने से रोकने के लिये उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया।
सीबीआई की एफआईआर में आरोपी ऋषि कुमार अग्रवाल (Rishi Kumar Agarwal), संथानम मुथास्वामी, अश्विनी कुमार, सुशील अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को नामजद किया है। एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से 7,089 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, जबकि आईडीबीआई बैंक से उसने 3,639 करोड़ रुपये का लोन लिया। इसी फेहरिस्त में कंपनी ने एसबीआई को 2,925 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा को 1,614 करोड़ रुपये, एक्जिम बैंक को 1,327 करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक को 1,244 करोड़ रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक को 1,244 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया को 719 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
सिलसिलेवार तरीके से जानिये मामले में कब और क्या हुआ
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एबीजी शिपयार्ड 2001 से कारोबार करने के लिये एक साथ आए। इनका खाता 30 नवंबर, 2013 को एनपीए हो गया।
- एनपीए 22,842 करोड़ रुपये (लगभग) का है। सभी लेन-देन 2005-2012 के बीच आईसीआईसीआई और एसबीआई (SBI) समेत 28 बैंकों के जरिये हुए।
- 27 मार्च 2014 को एबीजी शिपयार्ड के खाते का पुनर्गठन किया गया। हालांकि कंपनी ऑप्रेशंस में जान फूंकने में पूरी तरह नाकाम रही।
- 10 सितंबर 2014 को एबीजी शिपयार्ड का शॉक ऑडिट करने के लिये एकाउंटिंग फर्म एनवी डांड एंड एसोसिएट्स को लिस्टेड किया गया।
- एनवी डांड एंड एसोसिएट्स ने अपनी 30 अप्रैल, 2016 की ऑडिट रिपोर्ट में एबीजी शिपयार्ड की ओर से किये कई फाइनेंशियल खामियों का जिक्र किया।
- 30 जुलाई, 2016 को एबीजी शिपयार्ड के खाते को 30 नवंबर, 2013 से नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया गया।
- अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी को 10 अप्रैल, 2018 को फोरेंसिक ऑडिटर के तौर पर नियुक्त किया गया। फोरेंसिक ऑडिट ने 2012 से 2017 की अवधि के दौरान लेन-देन को कवर किया।
- आईसीआईसीआई बैंक ने कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिये 1 अगस्त, 2017 को एबीजीएसएल को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के पास भेजा।
- इसके बाद अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक कई बैंकों ने ABG शिपयार्ड के खाते को धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ घोषित कर दिया।
- एजेंसी (CBI) द्वारा 2019 में की गयी शिकायत पर सवाल उठाये जाने के बाद एसबीआई ने इस मामले को देखने के लिये 25 अगस्त 2020 को सीबीआई को अपनी शिकायत दी।
- शिकायत में बताये गये सभी तथ्यों और मुद्दों के विश्लेषण के बाद 2 फरवरी, 2022 को एफआईआर दर्ज की गयी थी।
- 12 फरवरी 2022 को कंपनी के तेरह ठिकानों की तलाशी ली गयी, जिसके दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेजों को ज़ब्त किया गया।