हेल्थ डेस्क (यामिनी गजपति): कोविड-19 महामारी के आतंक के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू (Bird flu) फैलने की खब़रे सामने आ रही है। ठाणे (Thane) के बाद पालघर (Palghar) से इकट्ठा किये गये सैंपल्स भी ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ पॉजिटिव पाये गये। कुछ जिलों में बड़ी तादाद में मुर्गे के मृत पाये जाने के बाद कई पक्षियों के नमूने बर्ड फ्लू के टेस्टिंग के लिये लैब भेजे गये। पालघर के जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रशांत कांबले ने इस मुद्दे पर कहा कि- टेस्टिंग के नतीज़ों ने पुष्टि की थी कि पक्षियों में एच5एन1 वायरस पाया गया था।
अभी तक महाराष्ट्र के कई जिलों में खेतों में पक्षियों के मारे जाने की तादाद साफ नहीं हो पायी है। हालांकि डॉ.कांबले (Dr. Kamble) ने कहा कि हालात काबू में है और घबराने की जरूरत नहीं है। दूसरी ओर अधिकारी भी नागरिकों को ना घबराने की अपील कर रहे है। बता दे कि ‘एवियन इन्फ्लूएंजा’ पॉजिटिव पक्षियों (खासतौर से मुर्गें और मुर्गियों) के सम्पर्क से बढ़ता है। जब इंसान इनके सम्पर्क में आते है तो वो भी पॉजिटिव हो जाता है।
खास बात ये भी है कि मरे हुए पक्षी के पंखों और उसके अंगों से भी ये फैलता है। खास बात ये भी कि इंसानों में एवियन इन्फ्लूएंजा (Avian Influenza) ए वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड (संक्रमण के बाद लक्षण उभरने की अवधि) औसतन दो से पांच दिनों तक होती है और ये 17 दिनों तक इंसानी शरीर में ज़िन्दा रह सकता है।
जानें ले एवियन इन्फ्लूएंजा के लक्षण के बारे में
यूएस सीडीसी के मुताबिक इंसानों में एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के संक्रमण के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी में तब्दील हो सकते हैं।
- बुखार, खांसी, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, जी मिचलाना, पेट दर्द, दस्त, उल्टी।
- गंभीर सांस की बीमारी (जैसे, सांस की तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, निमोनिया, तीव्र श्वसन संकट, वायरल निमोनिया, श्वसन विफलता)
- न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन (बदली हुई मानसिक स्थिति, दौरे)।
एवियन इन्फ्लुएंजा से बचाव के उपाय
विशेषज्ञ सलाह में कहा गया है कि अच्छी साफ सफाई की आदतें एवियन इन्फ्लूएंजा को दूर रखने में कारगर साबित हो सकती हैं।
बचाव के कुछ टिप्स
- कटिंग बोर्ड, बर्तन और कच्चे मुर्गे के सीधे संपर्क में आने वाली सभी सतहों को गर्म, साबुन वाले पानी से धोयें।
- चिकन डिशेज को कम से कम 30 मिनट तक पकायें। चिकन को कम से कम 165 F (74C) तापमान तक पकाना चाहिये।
- कच्चे या अधपके अंडे खाने से बचें क्योंकि अंडे के छिलके पक्षियों की बूंदों से संक्रमित हो सकते हैं।