Russia Ukraine Conflict: भारत ने किया अपना पक्ष साफ, कहा- तनाव कम करे दोनों पक्ष

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद के आपातकालीन सत्र (Emergency Session Of The Security Council) में भारत ने अपनी “चिंता” ज़ाहिर करते हुए “तनाव कम करने” का आह्वान किया। बता दे कि ये बैठक रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क (Donetsk and Luhansk) को आज़ाद मुल्कों के तौर पर मान्यता देने के बाद पश्चिमी राजधानी में खतरे की घंटी बजने के कुछ घंटों बुलायी गयी थी।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने कहा, “रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव का बढ़ना गहरी चिंता का विषय है” और ये “बदलते हालात इलाके में शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता रखते हैं”। “सभी पक्षों को संयम” रखने का आह्वान करते हुए भारतीय दूत ने कहा कि, सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को कम करना तत्काल प्राथमिकता है। इससे क्षेत्र में और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता आयेगी”

यूक्रेन द्वारा आपात सत्र बुलाने के लिये खत भेजे जाने के बाद ये बैठक हुई। इसके बाद अमेरिका (America) की अगुवाई में कई देशों ने बैठक की मांग की। दिलचस्प बात ये है कि रूस फरवरी महीने के लिये सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है।

“राजनयिक संवाद” पर जोर देते हुए भारतीय दूत ने ” नॉरमैंडी प्रारूप (Normandy Format) के तहत त्रिपक्षीय संपर्क समूह ” प्रयासों का स्वागत किया। साथ ही चेतावनी दी कि “लगातार बढ़ते सैन्य तनाव भुगतना सभी के लिये महंगा पड़ेगा।” उन्होंने मिन्स्क संधि के बारे में भी जिक्र किया। उन्होनें दावा किया कि मिन्स्क संधि (Minsk Treaty) बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान के लिये बुनियाद तैयार करेगा।

मिन्स्क संधि 2014/2015 में किया गया समझौता है। इसमें रूस, यूक्रेन, यूरोप ओएससीई में सुरक्षा और सहयोग संगठन शामिल है। इस संधि के तहत पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क, लुहान्स्क और अन्य इलाके में युद्धविराम की पैरवी की गयी है।  वार्ता के नॉरमैंडी प्रारूप में जर्मनी, फ्रांस और मिन्स्क संधि के सदस्य शामिल हैं और मूल रूप से ये संधि के कार्यान्वयन पर केंद्रित है।

बैठक में दूत तिरुमूर्ति ने कहा कि, “तनाव को बढ़ाने से बचने के लिये रचनात्मक कूटनीति समय की आवश्यकता है” और दोहराया कि “भारतीय नागरिकों की भलाई हमारे लिये प्राथमिकता है।” लगभग बीस हजार भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के कई इलालों में रहते हैं। भारत ने यूक्रेन से नागरिकों को वापस लाने के प्रयास कर रहा है। फंसे हुए भारतीय नागरिकों को लाने के लिये एयर इंडिया (Air India) की विशेष उड़ान भी शुरू की गयी है।

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