Russia Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोटिंग में छिपे गहरे कूटनीतिक मायने

यूक्रेन (Ukraine) में चल रहे युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस (Russia) के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं, लेकिन इस वोट में सिर्फ 181 देशों ने हिस्सा लिया। इनमें से 141 देशों ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया। 5 ने इसका विरोध किया जबकि मतदान के दौरान 35 देश मौजूद थे लेकिन अपनी वोटिंग का इस्तेमाल नहीं किया। यानि रूस के खिलाफ इस निंदा प्रस्ताव को 121 मतों के बहुमत के लिये जरूरत से 20 ज्यादा वोट मिले। आप सोच रहे होंगे कि इस प्रस्ताव से रूस को क्या नुकसान होगा।

इसका ज़वाब ये है कि संयुक्त राष्ट्र उन देशों और इलाकों को मान्यता नहीं देगा जिन्हें रूस ने सैन्य कार्रवाई के तहत हासिल किया है। इसके अलावा रूस को यूक्रेन से तुरंत और बिना शर्त अपने सैनिकों को वापस लेना होगा। हालांकि रूस इस प्रस्ताव पर कितना विचार करेगा, ये अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है। क्योंकि जिन देशों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अक्सर ऐसे प्रस्ताव पारित होते हैं, वे उन्हें मंजूर नहीं करते हैं। और रूस शायद ऐसा ही करेगा।

इस वोटिंग में दुनिया के लिये कुछ बड़े सरप्राइज भी छिपे थे

पहला तो ये है कि चीन (China) ने खुद को वोटिंग से दूर रखा। जब पूरी दुनिया कह रही है कि रूस और चीन अमेरिका पश्चिम के खिलाफ मिलकर एक नया गुट बना रहे हैं, तो ये थोड़ी हैरत की बात है कि चीन खुले तौर पर रूस का समर्थन नहीं करता दिख रहा है। इससे ये भी पता चलता है कि चीन एक ऐसा मुल्क है जो सिर्फ और सिर्फ अपने हितों और स्वार्थ को देखता है।

चीन की तरह भारत ने भी खुद को वोटिंग से दूर रखा। हालांकि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि इस वक़्त भारत की कोशिश पश्चिम को नाराज करने की नहीं है और न ही रूस के खिलाफ जाने की। लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) का मतदान से दूर रहना अपने आप में बड़ी हैरत की बात है।

साल 1945 और 1990 के बीच जब अमेरिका और सोवियत संघ के बीच 45 साल तक शीत युद्ध लड़ा गया, उस वक़्त पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था। इस्लामाबाद (Islamabad) की नीतियां सोवियत संघ (Soviet Union) के खिलाफ थीं। लेकिन आज पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में वोट न देकर एक तरह से रूस का समर्थन किया है और वो अमेरिका के खिलाफ गया है। इसके पीछे इमरान खान और पुतिन (Imran Khan and Putin) के बीच मुलाकात भी हो सकती है।

एक और बात जब यूक्रेन पर हमले के मामले में दुनिया रूस को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है, वहीं इमरान खान रूस के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले दुनिया के पहले नेता बन गये। पाकिस्तान ने प्राकृतिक गैस के इम्पोर्ट के लिये रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।

इस वोट से अफगानिस्तान (Afghanistan) ने भी दुनिया को चौंका दिया। अफगानिस्तान ने रूस के खिलाफ मतदान किया है। सोचिये ये कैसा मजाक है कि अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव को सही मान रही है, जबकि अफगानिस्तान में लाखों लोगों को इस्लामिक जिहाद के नाम पर उत्पीड़ित किया जा रहा है।

रूस के पक्ष में सिर्फ पांच वोट पड़े। और इन पांच वोटों में रूस का ही एक वोट शामिल है। इसके अलावा सीरिया, उत्तर कोरिया, बेलारूस और अफ्रीकी देश इरिट्रिया (African country Eritrea) ने भी रूस के समर्थन में मतदान किया। यानि किसी भी बड़े देश ने रूस के समर्थन में वोट नहीं दिया। और ये संयुक्त राष्ट्र के मंच पर रूस का अब तक का सबसे बड़ा अपमान है।

संस्थापक संपादक: अनुज गुप्ता

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More