नई दिल्ली (का.सं): कोरोनावायरस (Coronavirus) के प्रकोप के चलते, आर्थिक गतिविधियां देशभर में लगभग थम सी गई हैं। जिसका सीधा असर बड़े कारोबारियों से लेकर मजदूरों तक पर पड़ा रहा है। फिलहाल फार्मास्यूटिकल, पेट्रोलियम उत्पाद और अवश्य खाद्य पदार्थ बनाने से जुड़ी इंडस्ट्री पूरी तरह काम कर रही है। बाकी सभी सेक्टरों में प्रोडक्शन ठप्प पड़ा हुआ है। इसी के मद्देनजर मोदी सरकार की ओर से कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं।
वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक- केंद्र सरकार गरीब और मध्यम वर्ग की आर्थिक मदद के लिए जल्द ही पैकेज की घोषणा कर सकती हैं। सरकार के इस कदम से लॉकडाउन के दौरान जनता को हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। गैर संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों के बैंक खातों में डीबीटी योजना (DBT Scheme) के तहत पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार मजदूर कल्याण कोष की रकम का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे सकती है। गौरतलब है कि अगर ये राशि पर्याप्त नहीं हुई तो विकल्प के तौर पर फंड्स के लिए दूसरे विकल्प तलाशे जाएंगे।
इसके अलावा कारोबारियों को राहत देने के लिए, बैकिंग नियमों में ढील देने की योजना का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। जिसका सीधा फायदा मझोले और छोटे व्यापारियों को मिलेगा। कैश फ्लो में किसी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े, इसलिए गैर निष्पादित परिसंपत्तियाँ (एनपीए) निर्धारित करने की अवधि 90 दिन से घटाकर 30-60 दिन निर्धारित कर दी जाएगी। इस फैसले से व्यापारियों को उनके खातों में मौजूदा रकम के आधार पर वर्तमान स्थितियों में एनपीए घोषित नहीं किया सकेगा। इसके साथ ही आयकर घोषित करने की तारीखों को भी बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कई आला अधिकारी मिलकर लिक्विडिटी इन्फ्यूजन के लिए खाका खींच रहे हैं। जल्दी इन सभी योजनाओं की घोषणा कर दी जाएगी।