एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Sri Lankan Economic Crisis: गोटबाया राजपक्षे ने आज (5 अप्रैल 2022) पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को जानकारी दी कि वो श्रीलंका के राष्ट्रपति का पद नहीं छोड़ेंगे, लेकिन संसद में 113 सीटों का बहुमत साबित करने वाली किसी भी पार्टी को वो सरकार सौंपने के लिये तैयार हैं। राजपक्षे (Gotabaya Rajapakse) ने बीते सोमवार (4 अप्रैल 2022) को राजनीतिक बैठकें कीं, जबकि आवश्यक वस्तुओं की कमी और बिजली कटौती के खिलाफ जनता का भारी विरोध इस दौरान जारी रहा।
जनता के विरोध के बाद से आज पहली बार श्रीलंकाई संसद (Sri Lankan Parliament) बुलायी जाने वाली है और अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने (Mahindra Yapa Abhaywardene) के साथ 225 सदस्यीय विधानसभा में 113 सीटों के पूर्ण बहुमत का निर्धारण करने के लिये होने वाली वोटिंग का संचालन करने के लिये इसकी अध्यक्षता करेगें।
आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच श्रीलंका के 26 कैबिनेट मंत्रियों ने बीते रविवार (3 अप्रैल 2022) को अपने पदों से सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस संकट से निपटने के लिये विपक्षी दलों को कैबिनेट में शामिल होने और सरकार बनाने का न्यौता दिया।
श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (SLFP- Sri Lanka Freedom Party) के बाहर होने और कुछ निर्दलीय सांसदों के इस्तीफे के बाद से सरकार ने अपना दो-तिहाई बहुमत खो दिया है। हालांकि एसएलपीपी अब अपनी 113 सीटों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है ताकि वो साधारण बहुमत के साथ भी सरकार में बनी रह सके और महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapakse) प्रधान मंत्री के रूप में कायम रह सकें।
अगर आज श्रीलंकाई सरकार अपना बहुमत दिखाने में नाकाम रहती है तो नये प्रधानमंत्री के नाम पर फैसला करने के लिये स्पीकर सदन में बहस बुलाने का प्रस्ताव दे सकते है। जैसा कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने फैसला किया है, सरकार को नई पार्टी को सौंप दिया जायेगा।
देश की सरकार ने बीते शनिवार (2 अप्रैल 2022) को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंच को ब्लॉक कर दिया, लेकिन रविवार दोपहर पीएम के बेटे नमल राजपक्षे द्वारा इस कवायद की मुखालफत करने के बाद इस प्रतिबंध हटा लिया गया।