न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारत ने बीते सोमवार (11 अप्रैल 2022) को स्वदेशी हेलीकॉप्टर से टैंक रोधी मिसाइल हेलिना (Anti-Tank Missile Helina) का कामयाब परीक्षण किया। जैसलमेर के पोखरण फायरिंग रेंज (Jaisalmer’s Pokhran Firing Range) में किये गये परीक्षण में हेलिना ने नकली टैंक को नष्ट कर दिया। इस मिसाइल की रेंज 7 किमी तक है और ये अपने साथ 8 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम है जो कि इसे बेहतरीन स्ट्राइक मिसाइल बनाती है।
हेलिना को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। उड़ान परीक्षण स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) से किये गये थे। रक्षा अनुसंधान और विकास के वैज्ञानिकों के साथ भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना की एक संयुक्त टीम मौके पर मौजूद थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने इस उपलब्धि के लिये डीआरडीओ और भारतीय सेना को बधाई दी। हेलिना या हेलीकॉप्टर बेस्ड नाग की तीसरी जेनरेशन है, ‘लॉन्च से पहले लॉक-ऑन’, फायर-एंड-फॉरगेट मिसाइल जो सीधे हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक मोड दोनों की मदद से लक्ष्य को भेद सकती है।
इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL) हैदराबाद द्वारा DRDO के मिसाइल और सामरिक प्रणाली (MSS) क्लस्टर के तहत विकसित किया गया है। इस मिसाइल को इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर (Infrared Imaging Seeker) द्वारा गाइड किया जाता है, जो लॉन्च से पहले लॉक ऑन मोड में काम करता है। हेलिना दुनिया की सबसे उन्नत एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों (Advanced Anti Tank Guided Missiles) में से एक है।
हेलिना मिसाइल का वजन लगभग 45 किलोग्राम होता है, इसकी लंबाई 6 फीट और व्यास 7.9 इंच होता है। हेलिना सीधे हिट मोड के साथ-साथ टॉप अटैक दोनों मोड में लक्ष्य को भेद सकती है।
मिसाइल प्रणाली में हर मौसम में दिन और रात बेहतर क्षमता के साथ काम कर सकती है। ये पारंपरिक कवच के साथ-साथ विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (Explosive Reactive Armor) के साथ युद्धक टैंकों को नेस्तनाबूत कर सकती है।
नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल के हेलीकॉप्टर द्वारा लॉन्च किये गये संस्करण में सात से आठ किलोमीटर की मारक क्षमता है और इसे ALH के हथियारयुक्त एडिशन पर इंटीग्रेशन के लिये विकसित किया गया है।
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत लॉन्च के बाद भी लक्ष्य को बदलने की क्षमता है। सोमवार को परीक्षण के दौरान मिसाइल हेलिना के दागे जाने के बाद उसके टारगेट को बदल दिया गया।
मिसाइल ने बदले हुए टारगेट को कामयाब ढंग से तबाह कर दिया। इस तरह हेलिना मिसाइल ने उड़ान के दौरान अचानक बदले हुए लक्ष्य को भेदने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया।
इससे पहले 13 जुलाई 2015 को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited) ने जैसलमेर की चंदन फायरिंग रेंज में रुद्र हेलीकॉप्टर (Rudra Helicopter) से हेलिना मिसाइल के तीन परीक्षण किये थे। ये मिसाइल 7 किमी की दूरी से 2 लक्ष्यों को भेदने में सफल रही। DRDO के मुताबिक ध्रुवस्त्र हेलिना तीसरी पीढ़ी की ‘लॉन्च एंड फॉरगेट’ एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है।