एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मातंगी निगम): रमजान के पवित्र महीने के दौरान यरूशलेम (Jerusalem) में प्रमुख पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद में झड़पें देखी गयी। इन झड़पों में 117 फिलिस्तीनी घायल हो गये। फिलहाल ने झड़पों में वज़हें साफ नहीं हो पायी है। इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर देखे जा रहे है। जिसमें कई फिलिस्तीनी नागारिक (Palestinian citizens) पुलिस पर पत्थर फेंकते नज़र आये। पुलिस इस दौरान लगातार दंगाईयों पर आंसू गैस, रबर की गोलियों और स्टन गन का इस्तेमाल करते हुए दिखी। हिंसा से बचने के लिये कई लोगों ने खुद को मस्जिद के अंदर बंद कर लिया।
चश्मदीदों के मुताबिक फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर इजरायली सुरक्षा बलों पर पथराव किया, जिन्होंने ज़वाबी कार्रवाई करते हुए रबर की गोलियां चलायी। पवित्र स्थल की देखरेख मस्जिद प्रशासक (Mosque Administrator) के मुताबिक पुलिस सुबह होने से पहले मस्जिद परिसर में घुस गयी, क्योंकि वहां हजारों लोग नमाज अदा करने के लिये इकट्ठा हुए थे।
फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट (Palestinian Red Crescent) के अनुसार मौके से 117 घायलों को अस्पतालों में ले जाया गया। हिंसात्मक कार्रवाई के दौरान रबर की गोली मौके पर तैनात गार्ड की आंख में लग गयी। मामले पर इज़राइली पुलिस (Israeli Police) ने कहा कि शुक्रवार को दर्जनों नकाबपोश लोगों ने अल-अक्सा मस्जिद में 04:00 बजे मार्च निकाला, जिससे हिंसक दंगें फैलने के आसार थे। जानकारी की बुनियाद पर एहतियतान पुलिस की तैनाती अल-अक्सा मस्जिद में करनी पड़ी, जिसके बाद हालात लगातार बिगड़ते चले गये और हमें ज़वाबी कार्रवाई करने के लिये मज़बूर होना पड़ा। इन कार्रवाइयों के बावजूद पुलिस बल नमाज़ खत्म होने तक इंतजार किया। उसके बाद ही हमने ज़मीनी कार्रवाई शुरू की।
सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियोज में सामने आ रहा है कि दंगाईयों की भीड़ ने पश्चिमी दीवार की दिशा में चट्टानों को फेंकना शुरू कर दिया … और जैसे ही हिंसा बढ़ी, पुलिस को मस्जिद के आसपास के मैदान में घुसने के लिये मजबूर होना पड़ा। पुलिस ने दावा किया कि पुलिस पाक इबादतगाह वाले हिस्से में नहीं घुसी। पुलिसिया कार्रवाई मस्जिद के बाहरी परिसर में ही हुई।
इसराइल में 14 लोगों की मौत की वज़ह से इस इलाके में तनाव अपने चरम पर है। जिससे कि सिलसिलेवार ढंग से दंगों से हालात बने। इज़राइली कब्जे वाले वेस्ट बैंक (West Bank) में हाल ही में कई गिरफ्तारियां हुई और सैन्य अभियानों को अंज़ाम दिया गया। जिससे दंगे भड़क उठे हैं, जिनमें कई फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी गयी।
इस्लाम में अल अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Mosque) सबसे पवित्र स्थानों में से तीसरे स्थान पर है। ये एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जिसे यहूदियों (Jews) के लिये सबसे पवित्र स्थल माना जाता है, इसे टेंपल माउंट (Temple Mount) के नाम से भी जाना जाता है। दशकों से ये इजरायल-फिलिस्तीनी हिंसा (Israeli-Palestinian Violence) के बीच तनाव की अहम जगह रही है।