एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): जनवरी के बाद पहली बार इजरायल (Israel) ने आज (18 अप्रैल 2022) गाजा पट्टी पर हवाई हमले किये। ये कदम फिलिस्तीनी एन्क्लेव (Palestinian Enclave) द्वारा दागे गये रॉकेट की प्रतिक्रिया के तौर पर सामने आया। एएफपी की रिपोर्ट है कि चश्मदीदों और गाजा सुरक्षा बलों के मुताबिक इस रॉकेट स्ट्राइक (Rocket Strike) में कोई हताहत नहीं हुआ। हमास (Hamas) का दावा है कि उसने अपनी “विमान-रोधी रक्षा” प्रणाली का इस्तेमाल करके हमले को टाल दिया है।
इस्लामिक गुट हमास द्वारा रॉकेट फायरिंग के बाद दक्षिणी इस्राइल में सायरन बजते हुए देखा गया। कथित तौर पर प्रोजेक्टाइल तेल अवीव (Tel Aviv) से दूर समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मामले पर इजरायली रक्षा मंत्रालय (Israeli Defence Ministry) ने कहा कि “रॉकेट को आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम (Iron Dome Air Defence System) ने इंटरसेप्ट किया” और घंटों बाद इजरायली वायु सेना ने ऐलान किया कि उसने हमास के वेपन प्रोडक्शन सेंटर को निशाना बनाकर जवाबी कार्रवाई की है।
पिछले साल लगभग इसी वक़्त यरुशलम (Jerusalem) में इसी तरह की उथल-पुथल ने हमास के कई रॉकेटों को इज़राइल में आग लगाने की कोशिश की थी। इस संघर्ष ने 11 दिनों तक चले जंग की शक्ल अख़्तियार कर ली थी।
हाल ही में यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) के पवित्र स्थल के आसपास हिंसा के बाद इजरायल और फिलिस्तीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया। जिसमें 150 से ज़्यादा फिलिस्तीनी घायल हो गये। अल जज़ीरा फ़िलिस्तीनी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि ये तादाद असल में 400 तक हो सकती है।
गाजा में आगजनी और अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा के बाद यहूदी मुल्क इस्राइल में हिंसक वारदातें बढ़ी है। जिसके तहत मार्च के आखिर से फिलिस्तीनियों और इजरायली अरबों द्वारा किये चार घातक हमले शामिल थे, जिसमें 14 लोग मारे गये। इनमें बड़े पैमाने पर नागरिक भी शामिल थे। दुश्मनी में इज़ाफे की वज़ह मुस्लिम पवित्र महीने रमजान और यहूदी त्यौहार फसह की तारीखों का मेल खाना बी है।
एएफपी के मुताबिक 22 मार्च के दंगे में 23 फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी गयी, जिसके बाद कई अज्ञात हमलावरों ने इजरायलियों पर हमला किया।
अमेरिका ने तनाव को लेकर गहरी चिंता ज़ाहिर की है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (US State Department spokesman Ned Price) के मुताबिक अमेरिका के शीर्ष अधिकारी इजरायल, फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब देशों के सहयोगियों के साथ फोन पर संपर्क में हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, “हमने सभी पक्षों से अल-अक्सा परिसर में ऐतिहासिक यथास्थिति बनाये रखने और “उकसाने वाली” कार्रवाइयों से बचने की गुज़ारिश की।