न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson) आज (21 अप्रैल 2022) भारत की दो दिवसीय यात्रा के लिये गुजरात के अहमदाबाद में उतरे। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत को रफ्तार देने के साथ-साथ भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के रक्षा संबंधों की मजबूती पर जोर देगें।
जॉनसन ने अहमदाबाद (Ahmedabad) से अपनी यात्रा शुरू की जहां वो देश के बड़े कारोबारियों से बातचीत करेगें। इसके बाद उनका यूके और भारत के फलते-फूलते वाणिज्यिक, व्यापार और लोगों के संबंधों पर चर्चा करने का कार्यक्रम है। ये पहली बार होगा जब ब्रिटेन का कोई प्रधानमंत्री भारत के पांचवें सबसे बड़े राज्य और ब्रिटेन में लगभग आधी ब्रिटिश-भारतीय आबादी के पैतृक घर गुजरात का दौरा करेगा।
कल (22 अप्रैल 2022) सुबह जॉनसन राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में शामिल होंगे और बाद में महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद यूके के प्रधान मंत्री कल प्रधान मंत्री मोदी से मिलने के लिये नई दिल्ली की यात्रा करेंगे। जहां जॉनसन यूके और भारत की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे, जिसका मकसद इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) में घनिष्ठ साझेदारी को बढ़ावा देना और सुरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाना है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विदेश मंत्री (EAM) एस.जयशंकर के साथ भी बातचीत करेंगे। दोपहर करीब एक बजे दोनों पक्ष हैदराबाद हाउस में प्रेस बयान जारी करेंगे। ब्रिटिश उच्चायोग के एक बयान के मुताबिक जॉनसन इस साल की शुरुआत में शुरू की गयी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता में प्रगति को आगे बढ़ाने के लिये अपने भारत दौरे का उपयोग करेंगे। भारत के साथ समझौते से ब्रिटेन के कुल व्यापार को सालाना 28 बिलियन पाउंड तक बढ़ने की भविष्यवाणी की गयी है।
पिछले साल जॉनसन और पीएम मोदी ने यूके-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Strategic Partnership) पर सहमति ज़ाहिर की थी, जिसमें यूके में 530 मिलियन पाउंड से ज़्यादा के निवेश का ऐलान किया गया और साथ ही व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु, रक्षा और सुरक्षा में गहरे द्विपक्षीय संबंध के लिये प्रतिबद्ध को भी ज़ाहिर किया गया ताकि दोनों मुल्कों के लोग मज़बूती के साथ एक दूसरे से जुड़े रहे।
दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की वार्ता अगले हफ़्ते शुरू होगी। दोनों पक्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के इच्छुक हैं। दोनों देश व्यवसायों को लाभ पहुंचाने के लिये त्वरित लाभ प्रदान करने के लिये अंतरिम समझौते की संभावना भी तलाश रहे हैं। यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) भी भारत में रक्षा उत्पादन में अपने कदम बढ़ाने की सोच रहा है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा की शुरुआत हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते महत्व और इस इलाके में भारत की केंद्रीयता के बीच हो रही है, दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम में सहयोग को और तेज करने के लिये प्रक्रिया निर्धारित की है। सूत्रों मुताबिक रूस-यूक्रेन संघर्ष को द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें जॉनसन ब्रिटेन की स्थिति को नई दिल्ली के सामने रखेंगे और भारत को भाषण नहीं देते हुए भारतीय दृष्टिकोण को सुनेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष यूक्रेन पर एक-दूसरे की स्थिति को समझते हैं और सम्मान करते हैं और ये चर्चा का हिस्सा होगा।