न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने आज (22 अप्रैल 2022) देश भर में पुलिसिंग के तौर तरीकों में सुधार करने का आह्वान किया और साथ खबरी (मुखबिर) सिस्टम को दुबारा अमल में लाने की बात कही। 48वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि, “ये जरूरी है कि पुलिस अपराधियों से आगे हो, उन्हें तकनीक की समझ हो। जब तक तकनीकी ज्ञान कांस्टेबल स्तर तक नहीं पहुंच जाता, तब तक हम आधुनिक अपराधियों से निपटने में सक्षम नहीं होंगे।”
विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए शाह ने कहा कि- एक व्यापक नीति की जरूरत है। ड्रग्स, हवाला और साइबर धोखाधड़ी (Hawala And Cyber Fraud) उन कुछ चुनौतियों में से हैं, जिनका सामना हर राज्य की पुलिस करती है। मैं पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPRND) से देश भर से सामने आ रहे अपराधों से लड़ने के लिये व्यापक नीति पर चर्चा करने का अनुरोध करता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘खबरी सिस्टम में दुबारा जान फूंकने की जरूरत है और मैं बहुत सोच-समझकर पुनर्जीवित शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं। खबरी (मुखबिर) संवेदनशील जगहों पर पुलिस अधिकारियों (Police Officers) की आंख-कान का काम करता है। वो आधिकारिक तौर पर किसी सरकारी संगठन का हिस्सा नहीं होता। वो उन समाजों और समुदायों के सामान्य सदस्य हैं जिनमें वे रहते हैं और पुलिस अधिकारियों को अपराधों से लड़ने, मामलों को सुलझाने और पूर्व रणनीति बनाने के लिये जरूरी जानकारी मुहैया करवाते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह का ये बयान संसद द्वारा आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 पारित करने के कुछ दिनों बाद सामने आया है, जिसमें वो पुलिसिंग में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देते हुए दिखे।
ये बिल उन व्यक्तियों के शरीर के शारीरिक मापतौल (उंगली के निशान, हथेली के निशान, पैरों के निशान, फोटोग्राफ, आईरिस और रेटिना स्कैन, भौतिक और जैविक नमूने) लेने के लिये कानूनी मंजूरी मुहैया करवाता है, जिन्हें इस तरह के माप देने की जरूरत होती है। ये कानून अपराध की जांच ज़्यादा कुशलता और तेजी लायेगा।
ये कानून अपराधी के रिकॉर्ड को इकट्ठा करने, संरक्षित करने, साझाकरण और निपटान के लिये राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को सशक्त बनाने का भी प्रयास करता है।
ये मजिस्ट्रेट को किसी भी संदिग्ध शख़्स/अपराधी/अभियुक्त का माप लेने के लिये निर्देश देने का भी अधिकार देता है साथ ही पुलिस या जेल अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति का माप लेने का अधिकार देता है, जो माप देने का विरोध करता है या मना करता है।
48वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन के उद्घाटन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहीं ये अहम बातें
- आज अपराध की दुनिया में कई नये आयाम जुड़ गये हैं और इन चुनौतियों से निपटने के लिए देशभर की पुलिस को एकवाक्यता और एक-दूसरे के साथ सामंजस्य से काम करना होगा।
- पुलिस अपराधी से दो कदम आगे रहे इसके लिए पुलिस को भी आधुनिक और टेक-सेवी बनना होगा।
- प्रोसेस और परफेक्शन सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं मगर सफलता सिर्फ और सिर्फ पैशन से ही आ सकती है और पुलिस बल में नीचे कांस्टेबल तक इस जज्बे का निर्माण करना चाहिए।
- “डेटा नया विज्ञान है और बिग डेटा में सभी समस्याओं का समाधान है”। और इस वाक्य को देशभर के पुलिस बल को आत्मसात करना चाहिए।
- चाहे कश्मीर की समस्या हो, वामपंथी उग्रवाद या नार्थ ईस्ट में ड्रग्स व हथियारी ग्रुपों की समस्या हो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमें सभी के समाधान की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। आज मोदी सरकार में आतंकवाद पर हमारी सुरक्षा एजेंसियों का कमांडिंग वर्चस्व दिखाई देता है।
- पुलिस विज्ञान के दो महत्त्वपूर्ण पहलू है :
1.साइंस फॉर पुलिस
2.साइंस ऑफ पुलिस
इन दोनों पर विचार करने से ही हम देश के सामने वर्तमान और भविष्य में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।