न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): देश भर से सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक तनाव की खबरों के बीच ऐसी ही एक और घटना पंजाब के पटियाला (Patiala) में दर्ज की गयी, जहां एक मंदिर के सामने दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गयी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पटियाला में काली देवी मंदिर के बाहर दो गुटों के बीच उस वक्त विवाद हो गया, जब एक गुट खालिस्तान विरोधी मार्च (Anti-Khalistan March) निकाल रहा था। पटियाला के कुछ हिस्सों में तनाव के हालात बने हुए है, जिसके मद्देनज़र संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मौके पर मौजूद पुलिस बलों को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं। इस घटना में कम से कम दो लोग घायल हुए। हालातों को काबू में करने के लिये पुलिस को मौके पर तैनात कर दिया गया है। इसके अलावा पुलिस ने ये भी कहा कि संघर्ष में शामिल गुटों में से एक गुट शिवसेना (Shiv Sena) है, जो महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ताधारी पार्टी है।
पटियाला के डीएसपी ने कहा- यहां कानून व्यवस्था की समस्या को देखते हुए पुलिस को तैनात किया गया है। हम शिवसेना (दो समूहों में से एक) के प्रमुख हरीश सिंगला से बात कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मार्च निकालने की मंजूरी नहीं है।
इसके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) ने भी हालातों पर ध्यान देते हुए कहा कि पटियाला से रिपोर्ट की गयी घटनायें “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” हैं। उन्होंने आगे कहा कि अधिकारियों द्वारा हालातों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।
मामले सीएम मान ने ट्विटर पर लिखा कि- पटियाला में झड़प की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने डीजीपी (DGP) से बात की, इलाके में शांति बहाल कर दी गयी है। हम हालातों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब की शांति और सद्भाव बेहद अहम है।
बता दे कि अप्रैल में ये पहली बार नहीं है जब सांप्रदायिक हिंसा की घटनायें सामने आयी हैं। रामनवमी और हनुमान जयंती (Ram Navami and Hanuman Jayanti) के मौके पर देश के कई हिस्सों जैसे दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात (West Bengal and Gujarat) में झड़पें हुईं, जिसके कारण कई जिला प्रशासनों को अपने तहत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।