बिजनेस डेस्क (राज कुमार): केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी और उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स के खिलाफ भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (IFCI – Industrial Finance Corporation of India) को कथित तौर पर ठगने का नया मामला दर्ज किया है। सीबीआई के मुताबिक आईएफसीआई के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) से मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) और उनकी कंपनी गीतांजलि जेम्स (Company Geetanjali Gems) के खिलाफ मिली शिकायत की शुरूआती जांच के बाद आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी और 471 के तहत एफआईआर (FIR) मुंबई में दर्ज की गयी।
साल 2014 से 2018 के दौरान आईएफसीआई लिमिटेड ने उक्त कंपनी गीतांजलि जेम्स के साथ-साथ उसके निदेशक की अगुवाई, आश्वासन और उपक्रम और मूल्यांकनकर्ताओं (Evaluators) द्वारा किये गये मूल्यांकन के आधार पर गिरवी रखे गये गहनों के मूल्य पर भरोसा किया था। दो गुना सुरक्षा कवर, शेयरों की गिरवी, सोने की गिरवी, हीरे और सोने के सीएस जड़ित आभूषण के आधार पर 25 करोड़ रुपये (लगभग) की लोन अमाउंट (Loan Amount) जारी की गयी।
आईएफसीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी ने लोन की किस्तों का पुनर्भुगतान नहीं किया और किश्तों की चूक राशि की वसूली के लिये आईएफसीआई लिमिटेड ने कंपनी से हासिल गिरवी रखे गये गहनों की मिल्कियत (Valuation) कम हो गयी। सीबीआई ने ये भी आरोप लगाया कि निदेशक ने मूल्यांकनकर्ताओं के साथ मिलीभगत की और गिरवी रखे गये गहनों की मिल्कियत और बढ़े हुए मूल्य के साथ दर्ज करवायी। अधिकारी ने कहा कि हीरे कथित तौर पर निम्न गुणवत्ता के थे और वो असली रत्न नहीं थे।
मुंबई और कोलकाता (Mumbai and Kolkata) में आरोपी मूल्यांकनकर्ताओं के लगभग आठ परिसरों की तलाशी ली गयी, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।