नवाब मलिक की बढ़ी परेशानियां, ED की जांच में सामने आया दाऊद की डी-कंपनी के साथ करीबी रिश्ता

न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) की जांच के मुताबिक महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक के भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ लंबे समय से तालुक्कात हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष अभियोजन शिकायत (Charge Sheet) दायर कर ये जानकारी दी।

अभियोजन पक्ष की शिकायत में ईडी ने मलिक के डी-कंपनी से कथित बढ़ते रिश्तों का खुलकर जिक्र किया और साथ ही साल 1996 में कुर्ला पश्चिम (Kurla West) में गोवावाला भवन को “हड़पने” की साजिश का उल्लेख किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने दाऊद इब्राहिम के भतीजे अलीशाह पारकर (Alishah Parkar) से बीते सोमवार (23 मई 2022) को मुंबई में और देश के अन्य इलाकों में सक्रिय गिरोह के बारे में पूछताछ की। अलीशाह दाऊद की बहन हसीना पारकर (Haseena Parkar) का बेटा हॉं, बता दे कि साल 2014 में दिल का दौरा पड़ने से हसीना पारकर मौत हो गयी थी।

दाऊद इब्राहिम के भतीजे अलीशाह पारकर ने मलिक के खिलाफ पीएमएलए मामले की जांच के दौरान पीएमएलए एक्ट (PMLA Act) की धारा 50 के तहत ईडी को बयान दिया। बयान में अलीशाह ने कहा है कि उनकी मां के लंबे समय तक दाऊद इब्राहिम के साथ आर्थिक लेन-देन रहे है, जो कि उनकी मौत तक बदस्तूर जारी रहे। अलीशाह पारकर ने अपने बयान में सलीम पटेल (Salim Patel) का भी जिक्र किया, जो उनकी मां के सहयोगियों में से एक थे। सलीम पटेल प्याज का व्यापारी था और जो कि हसीना पारकर के साथ संपत्ति का लेन-देन किया करता था।

अलीशाह ने आगे कहा कि हसीना पारकर और सलीम पटेल ने गोवावाला बिल्डिंग (Goawala Building) में विवाद सुलझा लिया था और वहां ऑफिस खोलकर कंपाउंड का हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया था। अलीशाह ने आगे कहा कि बाद में पारकर ने गोवावाला बिल्डिंग का एक हिस्सा नवाब मलिक को बेच दिया। चार्जशीट में कहा गया है कि उन्हें नवाब मलिक द्वारा अपनी मां और पटेल को दिये गये पैसों कोई की जानकारी नहीं है।

विशेष अदालत ने शुक्रवार (20 मई 2022) को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के नेता नवाब मलिक के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया और कहा कि इस बात के प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि मलिक सीधे तौर पर और जानबूझकर कुर्ला में गोवावाला परिसर को हड़पने के लिये मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश में शामिल था। अदालत ने उनके और साल 1993 के बम विस्फोट मामले के आरोपी सरदार शाहवाली खान (Sardar Shahwali Khan) के खिलाफ प्रक्रिया शुरू की है, जिसका नाम भी इस मामले में भी शामिल है।

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