एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पाकिस्तान में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों के साथ गुरूवार (26 मई 2022) तड़के उस वक्त भिड़ गये जब पूर्व प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) नये सिरे से चुनाव की मांग के लिये इस्लामाबाद पहुंचे। पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ता संघीय राजधानी में डी-चौक की ओर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ता आपस में भिड़ गये।
अविश्वास मत से सत्ता से बेदखल किये गये पाकिस्तान के पूर्व पीएम ने “सभी पाकिस्तानियों” को अपने-अपने शहरों में सड़कों पर उतरने के लिये कहा है। महिलाओं और बच्चों से “असल आजादी” के लिये अपने घरों से बाहर आने की अपील की।
सीनेटर एओन अब्बास बुप्पी (Senator Aon Abbas Buppi) ने कहा कि, “डी-चौक पर 2.30 बजे हैं और गोलाबारी जारी है। भगवान जाने इमरान खान के आने से पहले वो (पुलिस) और कितने राउंड गोलाबारी करेंगे।” पाकिस्तान के लोगों द्वारा जबरदस्त प्रयास अपनी जान बचाने के लिये !! क्या पारी खेल रहे हैं माशाअल्लाह, अल्लाह एपी लोगो को सलामत रखे” पीटीआई के आधिकारिक अकाउंट ने ट्वीट किया कि इमरान खान की पार्टी के कार्यकर्ता इस्लामाबाद (Islamabad) में पुलिस से भिड़ गये।
पाकिस्तान के एक पत्रकार ने “इमरान खान के मार्च टू कैओस” शीर्षक के साथ एक ओपिनियन पीस में कहा कि इस्लामाबाद में पीटीआई (Pakistan Tehreek-e-Insaf) मार्च पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले के बाद देश राजनीतिक टकराव की ओर बढ़ रहा है। डॉन अखबार में लेखक जाहिद हुसैन (Zahid Hussain) ने लिखा कि, “विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई और राजधानी की सीलिंग ने बेहद अस्थिर स्थिति पैदा कर दी है। सरकार पहले से ही घबरा रही है।”
इमरान खान द्वारा शुरू किये गये विरोध मार्च की वज़ह से बढ़ती अशांति को नियंत्रित करने में नाकाम शहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif Government) को संवेदनशील इलाकों की हिफाजत के लिये सेना बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री और पीटीआई प्रमुख गुरूवार तड़के इस्लामाबाद में अपने समर्थकों के भारी दलबल के साथ पहुँचे।
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह (Pakistan’s Home Minister Rana Sanaullah) ने ट्विटर पर पोस्ट किये गये एक सरकारी फरमान में कहा कि- “इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति के मुताबिक, संघीय सरकार इस्लामी गणराज्य पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 245 के तहत दी गयी ताकत का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तानी सेना की पर्याप्त संख्या में तैनाती को अधिकृत करती है,”
देश में बढ़ते तनाव के बीच इमरान खान के संघीय राजधानी में प्रवेश करने के बाद पाकिस्तान सरकार (Government of Pakistan) ने “महत्वपूर्ण सरकारी भवनों की सुरक्षा” के लिये सेना को रेड जोन में तैनात किया।
सरकार के आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट, संसद भवन, प्रेसीडेंसी, प्रधान मंत्री कार्यालय और अन्य समेत अहम सरकारी इमारतों की हिफाजत के लिये ये फैसला लिया गया। कई दक्षिणपंथी पाकिस्तानी सियासी ज़मातों ने इस्लामाबाद तक पीटीआई के मार्च को बाधित करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मनमानी पर गहरी चिंता ज़ाहिर की।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP – Human Rights Commission of Pakistan) ने ट्वीट कर लिखा कि, “हमारा मानना है कि सभी नागरिकों और सभी राजनीतिक दलों को इकट्ठा होने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का पूरा अधिकार है।”