न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बीते गुरुवार (26 मई 2022) को चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करते हुए केंद्र से जीएसटी (GST) बकाया की मांग की। उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) में तमिल (Tamil) को आधिकारिक भाषा बनाने की भी बात की, जिससे भाजपा नाराज हो गयी और कहा कि वो मुख्यमंत्री के व्यवहार से शर्मिंदा है।
कार्यक्रम के दौरान डीएमके प्रमुख (DMK chief) ने कहा था कि- “मैं सरकार से तमिलनाडु को 14,006 करोड़ रुपये का केंद्रीय जीएसटी बकाया लौटाने की अपील करता हूं। मैं प्रधानमंत्री से ये भी अपील करता हूं कि उच्च न्यायालय में तमिल को आधिकारिक भाषा के रूप में घोषित किया जाना चाहिये।” बता दे कि एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) का ये बयान पीएम मोदी (PM Modi) के उस बयान के बाद सामने आया, जब पीएम मोदी ने तमिलनाडु की संस्कृति और भाषा की तारीफ करते हुए तमिल को शाश्वत भाषा कहा।
तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के.अन्नामलाई (Tamil Nadu BJP chief K.Annamalai) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने “गलत आचरण” से खुद को बदनाम किया है। उन्होनें ट्विटकर लिखा कि- बतौर आम भारतीय नागारिक और तमिल होने के कारण में गर्वित महसूस करता हूँ। मैं तमिलनाडु में सीएम एमके स्टालिन के गलत आचरण से बेहद शर्मिंदा हूं। पीएम मोदी बतौर प्रधानमंत्री तमिलनाडु आये थे ना कि बीजेपी के कार्यक्रम के लिये। हमें सीएम से बेहतर आचरण की उम्मीद थी, लेकिन उन्होनें खुद को अपमानित कर इन उम्मीदों को खत्म कर दिया।
अपने अगले ट्विट में के.अन्नामलाई ने ट्विटकर लिखा कि- “भाषा पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर तमिल भाषा, साहित्य और संस्कृति के लिये अपना स्नेह व्यक्त किया है। मुझे नहीं लगता कि सीएम एमके स्टालिन को जवाब की जरूरत है क्योंकि मुझे यकीन है कि वो भी इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहते हैं, वो उस पर खुद भी विश्वास नहीं करते। वो सिर्फ ओछी राजनीति कर रहे है”
भाजपा नेता ने कहा कि स्टालिन ने जीएसटी परिषद (GST Council) का अपमान किया है, जो संघवाद की अवहेलना ज्वलंत उदाहरण है। स्टालिन पर कटाक्ष करते हुए, उन्होंने उन पर “वंशवादी अधिकार की परम्परा से होने का आरोप लगाया, जो कि आम सहमति को नहीं समझते।