न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने कहा कि बीते बुधवार (1 जून 2022) दोपहर के समय अयोध्या में अज्ञात हमलावरों ने 31 वर्षीय स्कूली शिक्षक की चाकू मारकर हत्या कर दी। मृतका अध्यापिका की शिनाख़्त उमा नाथ वर्मा की पत्नी सुप्रिया वर्मा (Supriya Verma) के तौर पर हुई है। अयोध्या के पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह ने मीडिया को बताया कि, ”बुधवार को अज्ञात बदमाशों ने एक गर्भवती शिक्षिका (Pregnant Teacher) की दिन दहाड़े चाकुओं से हत्या कर दी।”
मर्डर (Murder) की ये वारदात अयोध्या के कोतवाली इलाके श्री राम पुरम कॉलोनी (Shri Ram Puram Colony) में उस समय हुई जब शिक्षिका अपने घर में अकेली थी। एसपी विजय पाल सिंह (SP Vijay Pal Singh) ने कहा कि, “पुलिस टीमें गठित कर दी गयी हैं और हमलावरों को जल्द ही पकड़ लिया जायेगा। सुल्तानपुर जिले के पठानपुर अतरौली (Pathanpur Atrauli of Sultanpur district) निवासी शिक्षिका सुप्रिया वर्मा यहां अपने पति और मां के साथ रहती थीं। मृतका के पति उमेश वर्मा भी शिक्षक हैं।”
बुधवार को उमेश चंद वर्मा (Umesh Chand Verma) अपनी पत्नी को ससुराल छोड़कर सास-ससुर के साथ बैंक गये थे। वहां से लौटने पर उन्होनें दरवाजा खोला तो देखा कि उनकी पत्नी खून से लथपथ है। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने सुप्रिया को मृत घोषित कर दिया। मृतक के शरीर पर चाकू से वार करने के निशान मिले हैं।
पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों के जरिये हमलावरों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने अयोध्या पुलिस स्टेशन (Ayodhya Police Station) में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या की प्राथमिकी दर्ज की है और आगे की जांच जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए ट्वीट कर राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि ये वारदात तब हुई जब शहर में हर नुक्कड़ पर पुलिस बल तैनात था। यादव ने कहा कि शिक्षक राज्य सरकार के साथ-साथ अपराधियों के निशाने पर हैं।
बता दे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने बीते बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह की आधारशिला रखी, जिससे भव्य मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो सके। मुख्यमंत्री और शीर्ष संतों ने मंत्रों के जाप के बीच मंदिर स्थल पर पहला नक्काशीदार पत्थर रखते हुए ‘शिला पूजन’ किया।