न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Punjab: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Akal Takht Jathedar Giani Harpreet Singh) ने बीते शुक्रवार (3 जून 2022) को केंद्र द्वारा दी गयी जेड श्रेणी की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। सिंह ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार को उनकी चिंता है, उसके लिये वो उनके शुक्रगुजार है। हालांकि उन्होंने कहा कि जेड सुरक्षा अकाल तख्त के जत्थेदार के तौर पर उनके काम में बाधा डालेगी।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि, “पता नहीं उनके (केंद्र सरकार) के पास क्या इनपुट है। मैं सुरक्षा प्रदान करने के लिये सरकार को धन्यवाद देता हूं। लेकिन ये सिख धर्म (Sikhism) के प्रसार के लिये लोगों के साथ मेरी बैठक में बाधा पैदा करेगा।”
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पंजाब के मौजूदा हालातों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा (Z class security) प्रदान की है।
सिंह को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF- Central Reserve Police Force) के जवानों द्वारा सुरक्षा मुहैया करायी जानी थी। सूत्रों ने बताया कि पंजाब के मौजूदा हालात को देखते हुए इस मामले में आधिकारिक आदेश जारी कर दिये गये हैं और कहा कि सिंह ने किसी सुरक्षा के बारे में नहीं पूछा था। सूत्रों ने आगे कहा कि केंद्र ने सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला किया क्योंकि उनकी सुरक्षा पंजाब की भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann Govt.) द्वारा कम कर दी गयी थी।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा में कुल छह पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, जिसे घटाकर तीन कर दिया गया। बाद में सिंह ने कहा था कि वो बाकी के तीनों सुरक्षा कर्मियों को भी वापस कर देंगे क्योंकि वो राज्य सरकार से सुरक्षा नहीं चाहते थे और पंजाब के युवा उनकी सुरक्षा के लिये काफी है।
पिछले हफ्ते पंजाब सरकार (Punjab Government) ने 424 वीवीआईपी की सुरक्षा वापस ले ली या कम कर दी। हालांकि मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला (Famous Punjabi Singer Sidhu Moose Wala) की हत्या के बाद राज्य सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) को जानकारी दी कि वीआईपी लोगों की सुरक्षा व्यवस्था फिर से बहाल कर दी जायेगी।
इससे पहले बीते अप्रैल में पंजाब सरकार ने पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों और अन्य नेताओं समेत 184 व्यक्तियों के लिये सुरक्षा कवर वापस लेने का फरमान जारी किया था।
गौरतलब है कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Former Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi), कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवारे की पत्नी के परिवार की सुरक्षा अप्रैल महीने में ही वापस ले ली गयी थी।