कतर ने कहा Modi Govt. करे ठोस कार्रवाई, वरना माना जायेगा इस्लामोफोबिक बयानों को संरक्षण देती है भारत सरकार

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): Modi Govt.: भाजपा पार्टी के प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर भारत को बीते रविवार (5 जून 2022) अरब जगत में बड़े पैमाने पर गुस्से का सामना करना पड़ा। जबकि कतर ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के खिलाफ भाजपा की कार्रवाई का का स्वागत किया। कतर ने भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और निंदा की भी मांग की, जिसके लिये भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया गया।

मामले पर कुवैत और ईरान (Kuwait and Iran) ने भी भारत सरकार के सामने विरोध दर्ज कराया, जिसमें भारत सरकार और भाजपा नेतृत्व से खुली माफी की मांग की गयी थी। सऊदी अरब (Saudi Arab) ने भी भाजपा प्रवक्ता के बयानों की खुलकर निंदा की थी। साथ ही विवादास्पद बयान को दुनिया के हर मुसलमान के खिलाफ जंग का ऐलान बताया। ओमान के ग्रैंड मुफ्ती ने मामले पर सभी मुसलमानों मुल्कों से मामले की एकसुर में आलोचना करने का आवाह्न किया। मामले पर बड़ी नाराज़गी उस देखने को मिली, जब कतर के सुल्तान समेत कई आला नेताओं ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) से मिलने से मना कर और काफी बेरूख़ी के साथ उनका स्वागत किया।

नायडू के चार दिवसीय दौरे पर दोहा पहुंचने पर सोशल मीडिया पर ‘भारत का बहिष्कार’ अभियान चल रहा था। जबकि भाजपा पहले ही साफ कर चुकी है कि नूपुर शर्मा के बयान भारत सरकार के विचारों की अगुवाई नहीं करते है। मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कतर के उप विदेश मंत्री सोल्टन बिन साऊद अल-मुरैखी ने भारतीय राजदूत को आपत्तियों से अवगत कराया।

हालातों को देखते हुए कतर ने भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा करने की बात कहीं। और साथ ही कहा कि अगर भारत सरकार मामले में पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो ये माना जायेगा कि मोदी सरकार इस्लामोफोबिक (Islamophobic) बयानों को संरक्षण देती है। ऐसे गिरी हरकतें मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिये बड़ा गंभीर खतरा है और इससे आगे और पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है। जिससे इंसानियत हाशिये पर चली जायेगी। हिंसा और नफरत का माहौल बनेगा।

भारतीय दूतावास ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कतर ने भारत में धार्मिक व्यक्तित्व (पैंगबर मोहम्मद) को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स” के बारे में चिंता जतायी थी और भारतीय राजदूत ने कतर को बताया कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। हमारी सभ्यतागत विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परम्परा रही है। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है”

हालांकि दूतावास ने अपनी प्रतिक्रिया में ये भी सुझाव दिया कि पाकिस्तान (Pakistan) समर्थक तत्व ऐसे बयानों का इस्तेमाल नफरत भड़काने में लगातार कर रहे है, ताकि भारत और कतर के बीच मतभेद पैदा किया जा सके। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारत के खिलाफ मुहिम आईएसआई (ISI) द्वारा चलायी जा रही है। भारत उम्मीद कर रहा है कि ये मुद्दा जल्द ही खत्म हो जायेगा।

मौजूदा हालातों में नूपुर शर्मा के भाजपा से निष्कासन और भारतीय एम्बेंसी के स्पष्टीकरण के बावजूद खाड़ी देशों से भारत के रिश्तों में खटास साफ देखी जा सकती है। माना जा रहा है कि खाड़ी देश भारत के साथ रिश्तों को लेकर अपने राय पर गहन विचार कर रहे है। उनका मानना है कि मौजूदा प्रकरण पीएम मोदी की शह पर हुआ है।

कतर ने भारत को दो-टूक कह दिया है कि- इस तरह की गलतबयानी से धार्मिक घृणा को बढ़ावा मिलेगा। दुनिया भर के दो अरब से ज़्यादा मुसलमान इससे नाराज है।

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