न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): पैंगबर मोहम्मद साहब के खिलाफ नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) की गलतबयानी के चलते भारत को दुनिया भर में शर्मिन्दगी का सामना करना पड़ा रहा है। खासतौर से OIC समेत दुनिया के कई बड़े मुस्लिम देश इस मामले के खिलाफ खड़े दिखायी दे रहे है। हाल ही में इस मामले पर AIMIM सुप्रीमो असद्दुदीन ओवैसी (Asadduddin Owaisi) का बयान सामने आया है। उन्होनें कहा कि- खाड़ी देशों के आपत्ति के बाद इस मामले ने ज़्यादा तूल पकड़ा। बेहद मजबूरी में पीएम मोदी (PM Modi) को नुपूर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी। कायदे की बात तो ये है कि भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा के ख़िलाफ़ ये सख़्त कार्रवाई दस दिन पहले ही हो जानी चाहिये थी। मोदी सरकार की मेरी बात सुननी चाहिये थी, आखिर वो हमारे प्रधानमंत्री है।
असद्दुदीन ओवैसी ने आगे कहा कि- पीएम मोदी विदेशी दौरों पर सिर्फ दूसरे मुल्कों के नेताओं को खुश करना चाहते है। वो उनकी तकलीफ को समझते हैं लेकिन हमारी नहीं। देश में जो तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सियासी पार्टियां (Secular Political Parties) हैं, इनके हल्क में भी दही जम गयी थी। सिर्फ और सिर्फ हम ही बोल रहे थे मामले पर। तथाकथित सेक्युलर पार्टियां कल रात एकाएक हरकत में आ गयी।
कई सियासी जानकारों का मानना है कि नुपूर शर्मा के चलते मोदी सरकार की छवि काफी खराब हुई है खासतौर से इस्लामिक देशों में। इस कई दूरगामी और गंभीर नतीज़े होगें, जिसकी झलक विदेशनीति, कूटनीति और कारोबार में देखने को मिल सकती है। कई मुस्लिम देश नये सिरे से भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों की समीक्षा (Review Of Diplomatic Relations) कर सकते है, जो कि किसी भी सूरत में भारत के लिये बेहतर नहीं होगा।