न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Nupur Sharma Controversial Remark Row: बीते शुक्रवार (10 जून 2022) को देश के अलग अलग हिस्सों से परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आयी। एक ऐसा सामने आया जिसने कुछ हद तक देश में सांप्रदायिक तूफान में घेरने की कोशिश की। हजारों लोग मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद एक ही समय में सड़कों पर उतर आये। कल 14 राज्यों में भीषण प्रदर्शन हुआ, जहां कई इलाकों में उग्र भीड़ हिंसक भी देखी गयी।
प्रदर्शनकारियों ने वारदात के दौरान पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया, तोड़फोड़ की, वाहनों में आग लगा दी और यहां तक कि आंदोलन के दौरान पुलिस पर बम भी फेंके गये। इन विरोध प्रदर्शनों के बीच भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Former BJP spokesperson Nupur Sharma) के पुतले को रस्सी से लटकाये जाने की तस्वीरें भी सामने आयी, जो हिंसक प्रदर्शनकारियों की भावनाओं को दिखाता है। इस बात को दोहराने के लिये देश भर से सुनियोजित हिंसा की घटनायें भड़क उठीं।
सिर्फ एक या दो राज्यों में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के 14 राज्यों में विरोध प्रदर्शन दर्ज किये गये। 14 राज्यों में से आठ राज्यों में ऐसे विरोध प्रदर्शन हुए जो पथराव की घटनाओं के साथ हिंसक हो गये। हैरानी की बात ये है कि देश के 14 राज्यों में 90 से ज्यादा जगहों पर एक साथ विरोध प्रदर्शन हुए और इनमें सबसे बड़ी समानता ये है कि ये सभी विरोध प्रदर्शन मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद हुए।
इन घटनाओं के संयोग से होने की संभावना नहीं है, ये सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, ये मामला 26 मई को एक टीवी समाचार बहस के बाद शुरू हुआ। पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैंगबर मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad) पर आपत्तिजनक बयान दिये जिसके बाद गुस्साई भीड़ सड़कों पर आ गई। नूपुर शर्मा के बयान सामने आने के लगभग 15 दिन बाद सड़कों पर, और मस्जिदों के बाहर अब तक भारी विरोध प्रदर्शन लगातार देखा जा रहा है।
बीते शुक्रवार को जब पूर्व भाजपा नेता द्वारा की गयी टिप्पणियों का विरोध करने के लिये लोग सड़कों पर उतर आये और कुछ ने उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की, जबकि अन्य ने मांग की कि शर्मा को फांसी दी जाये।
इसी तरह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Saharanpur in Uttar Pradesh) इलाके में करीब 2500 लोगों का जमावड़ा सड़कों पर उतर आया, जिससे इलाके के नागरिक दहशत में आ गये और अपनी दुकानें बंद कर दीं। इसके अलावा इस विरोध के दौरान अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाये गये और भाजपा प्रवक्ताओं को पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने के लिये गिरफ्तार करने की मांग की गयी।
ये पूरा मामला अब दो धार्मिक समूहों के बीच धर्मयुद्ध में बदल गया है और इस भीड़ के हिंसक विरोध ने हमारे देश में कानून और व्यवस्था की स्थिति को बड़ी चुनौती दी है।
भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा धार्मिक शख़्सायितों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के तुरंत बाद, भारतीय जनता पार्टी ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल (Naveen Jindal) को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इतना ही नहीं दोनों के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में एफआईआर भी दर्ज करायी गयी है। कई लोग कह रहे हैं कि जिंदल और शर्मा का निलंबन नाकाफी नहीं है और उन्हें पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिये गिरफ्तार किया जाना चाहिये, जिसके कारण अंततः देशव्यापी विरोध हुआ।
आंदोलन की पहली लहर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj of Uttar Pradesh) में दर्ज की गयी, जहां हिंसक भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और इस दौरान कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। सोशल मीडिया पर सामने आये विजुअल्स में लोगों को चेहरे पर कपड़े लपेटे हुए नारे लगाते और पथराव करते हुए देखा गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके अलावा दंगाइयों ने प्रयागराज के एडीजी प्रेम प्रकाश और एसपी की गाड़ियों पर भी पथराव किया। आरोप ये भी है कि ये हिंसक भीड़ वहां की एक बड़ी मस्जिद से आयी थी, जहां जुमे की नमाज अता की गयी। ये आरोप लगाया गया है कि हिंसा के इस प्रदर्शन में बड़ी तादाद में पास के मदरसे के लोग भी शामिल थे।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल (Jharkhand, West Bengal) और कई अन्य राज्यों में दर्ज की गयी हिंसा के दौर को देखते हुए देश भर के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिये कहा गया है। अधिकारी मौजूदा हालातों में देश की कानून व्यवस्था की स्थिति को बहाल करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।