न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Nupur Sharma Controversial Remark Row: उत्तर प्रदेश के कई शहरों खासतौर प्रयागराज और सहारनपुर में हिंसा भड़कने के ठीक एक दिन बाद अधिकारियों ने दंगाईयों के कई अवैध रूप से बने घरों और संपत्तियों को गिराने का फैसला किया, जिनमें से एक घर हिंसा में मुख्य आरोपी का था। यूपी में सरकार के तोड़-फोड़ अभियान पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM chief Asaduddin Owaisi) ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मजाक उड़ाते हुए कहा कि- वो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश है, वो किसी को भी दोषी ठहरा सकते हैं और साथ ही मनचाहे ढंग से तोड़फोड़ कर सकते हैं।
गुजरात (Gujarat) में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि, ‘यूपी के मुख्यमंत्री इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के मुख्य न्यायाधीश बन गये हैं। वो किसी को भी दोषी ठहराकर मनमाने ढंग से उनके घरों को तोड़ देगें?”
गौरतलब है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA- Prayagraj Development Authority) ने बीते रविवार को बुलडोजर लाकर वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद अहमद के घर को तोड़ दिया। अहमद प्रयागराज हिंसा का मुख्य आरोपी है और उसके खिलाफ दंगा भड़काने का आरोप है।
पीडीए ने हालांकि कहा है कि मकान गिराये जाने का दंगों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन जावेद अहमद (Javed Ahmed) के ग्राउंड फ्लोर पर बने अवैध निर्माण के चलते ऐसा किया गया है। साथ ही दावा किया गया अधिकारियों ने बीते मई महीने में अहमद को इस मामले में नोटिस भी जारी किया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
जावेद अहमद आफरीन फातिमा (Afreen Fatima) के पिता हैं, जो कि जेएनयू (JNU) की पूर्व छात्रा और कार्यकर्ता हैं। फातिमा कई अहम विरोध-प्रदर्शनों का हिस्सा रही हैं, जिनमें सबसे अहम दिल्ली में सीएए और एनआरसी (CAA and NRC) विरोध 2019 और हिजाब प्रतिबंध विरोध शामिल है, जिसमें 300 से ज़्यादा महिलायें शामिल थीं।
यूपी पुलिस ने तोड़-फोड़ करने से पहले अहमद की संपत्ति की भी तलाशी ली, इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दीवारों से अवैध बंदूकें और आपत्तिजनक पोस्टर मिले। कथित तौर पर पोस्टरों में माननीय अदालत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान छापे गये थे।
बता दे कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) समेत 14 राज्यों में बीते शुक्रवार (10 जून 2022) को जुम्मे की नमाज के बाद हिंसा भड़क उठी, जब नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ की गयी टिप्पणियों के विरोध में लोगों ने सड़कों पर रैली निकाली। इस दौरान कुछ लोगों ने मांग की कि शर्मा को उनकी टिप्पणी के लिये गिरफ्तार किया जाये, वहीं कई लोगों को नारा लगाते हुए सुना गया, कथित नारे में वो नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) को खुलेआम फांसी देने की बात करते हुए नज़र आये।