Agnipath Army Recruitment Scheme: बिहार में जमकर हो रहा है अग्निपथ सेना भर्ती योजना का विरोध

नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): Agnipath Army Recruitment Scheme: बसपा प्रमुख मायावती ने आज (16 जून 2022) केंद्र से इस पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए कहा कि अग्निपथ योजना ग्रामीण युवाओं और उनके परिवारों के भविष्य के लिये गलत और हानिकारक है। उन्होनें ट्विट कर लिखा कि-  देश के युवाओं का मानना ​​है कि इस स्कीम का मकसद पेंशन प्रणाली (Pension System) समेत कई आर्थिक लाभों से वंचित करने के लिये सेवा की अवधि को कम करना है। उन्होंने कहा कि देश के लोग पहले से ही सरकार की नीतियों के कारण गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। ऐसे में सेना में नई भर्ती व्यवस्था को लेकर युवाओं में फैली बेचैनी चिंता का कारण बन रही है।

अब जानें क्या अग्निपथ स्कीम और कौन है अग्निवीर ?

सरकार ने इस हफ़्ते की शुरुआत में थल सेना, नौसेना और वायु सेना में सैनिकों की भर्ती (Recruitment of Soldiers) के लिये अग्निपथ योजना शुरू की। इस योजना को शुरू करने के पीछे मुख्य लक्ष्य सशस्त्र बलों (Armed Forces) की आयु प्रोफ़ाइल को कम करना और पेंशन बिलों को रोकना है। ये योजना इसलिए शुरू की गई थी क्योंकि सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के मुकाबले वेतन और पेंशन पर केंद्र सरकार को ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है।

इस योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सीधे शैक्षणिक संस्थानों से या भर्ती रैलियों के जरिये भर्ती किया जायेगा। उन्हें कॉन्ट्रेक्ट के तहत भर्ती किया जायेगा। उन्हें 6 महीने की कठोर प्रशिक्षण व्यवस्था गुजारा जायेगा, जिसके बाद वो 3.5 साल भारतीय सेना में अपने सेवायें देगें। सशस्त्र बलों में चार साल रहने के बाद सबसे अधिक ऑप्रेशंस और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले सैनिकों में से सिर्फ 25 प्रतिशत को ही भारतीय सेना के साथ 15 साल तक रहने की पेशकश की जायेगी। इन सैनिकों को अग्निवीर कहा जायेगा। सरकार की योजना नई प्रणाली के जरिये लगभग 40,000 सैनिकों की भर्ती करने की है।

सशस्त्र बलों में शामिल होने वालों को सरकार उदार शर्तों की पेशकश करेगी। अच्छी तनख्वाह के अलावा कथित तौर पर सेवा के चौथे साल के दौरान लगभग 40,000 रुपये प्रति माह मिलेगा। जब अग्निवीर चार साल की नौकरी पूरी कर लेगें तो उन्हें 11 लाख रुपये मिलेगें।

अग्निवीर सैनिक अपने वेतन का लगभग 30 प्रतिशत कॉर्पस के लिये योगदान देंगे और सरकार उतनी ही रकम उनके खाते जमा करेगी। सरकार सैनिकों को शिक्षा ऋण सुरक्षित करने में भी मदद करेगी। गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा है कि वो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces) में भर्ती करते समय अग्निवीरों को वरीयता देगा। भाजपा की अगुवाई वाले कई राज्यों ने भी इसी तरह के वादे किये हैं। भर्तियों के लिये नकारात्मक पक्ष ये होगा कि सैनिकों को पहले की तरह पेंशन नहीं मिलेगी। दूसरा ये है कि जहां तक ​​सशस्त्र बलों का संबंध है 75 प्रतिशत रंगरूट नौकरी से निकाल दिये जायेगें।

आखिर इस स्कीम को लेकर क्यों हो रहे है विरोध प्रदर्शन?

बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा रखने वाले हजारों युवक-युवतियां सड़कों पर उतर आये हैं। आज (16 जून 2022) उनके आंदोलन का दूसरा दिन था। प्रदर्शनकारियों ने जहानाबाद, बक्सर और नवादा (Jehanabad, Buxar and Nawada) जिलों में रेल और सड़क यातायात बाधित कर दिया। योजना को रद्द करने की मांग को लेकर सैकड़ों आंदोलनकारियों ने जहानाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग 83 को जाम कर दिया और टायर जला दिये।

प्रदर्शनकारी अग्निपथ योजना से नाराज हैं क्योंकि नये आयु प्रतिबंध से कई लोगों को भर्ती रैलियों से रोक दिया जायेगा। पुरानी व्यवस्था के तहत 16.5-21 आयु वर्ग के युवकों को न्यूनतम 15 वर्ष के लिये चुना जाता था। रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन मिलती थी। नई व्यवस्था ने पुरानी व्यवस्था को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। अब उन्हें 17.5-21 साल की उम्र के बीच भर्ती किया जा सकता है। ज़्यादातर भर्तियों के लिये सेवा की अवधि 4 वर्ष तक सीमित होगी।

मुंगेर (Munger) में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने इस भर्ती व्यवस्था को रोकने की मांग की। वो चाहते है कि इस टूर ऑफ ड्यूटी योजना को रोककर पुरानी वाली भर्ती योजना को बहाल किया जाये। कोई भी सेना में सिर्फ चार साल के लिये नहीं जायेगा।

जहानाबाद में मामले पर विरोध कर प्रदर्शनकारी ने कहा कि- “सिर्फ चार साल काम करने के बाद हम कहां जायेगें? हम चार साल की सेवा के बाद बेघर हो जायेगें। इसलिए हमने सड़कों को जाम कर दिया। हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिये कड़ी मेहनत करते हैं। कैसे होगा सेवा चार साल के लिये होगी, महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टी के साथ? हम सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को इस योजना को वापस लेना होगा।”

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