Maharashtra Crisis: एकनाथ शिंदे समेत बागी विधायकों की है ये मांग

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): Maharashtra Crisis: शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे सूरत (Surat) से आधी रात की फ्लाइट लेकर गुवाहाटी (Guwahati) पहुंच गये हैं। उनके पास कम से कम 30 शिवसेना और निर्दलीय विधायक है, जिनमें से कई ठाकरे विश्वासपात्र रहे है। शिवसेना के विधायकों के बीच शिंदे का कथित समर्थन शिव सेना (Shiv Sena) में दोफाड़ करने और एमवीए सरकार गिराने की पूरी क्षमता रखता है। महाराष्ट्र के पूर्व विधायक के सूरत के एक फाइव स्टार होटल में पहुंचने के कुछ घंटे बाद सोमवार देर रात ये बगावत सामने आयी। हाल ही में एमएलसी चुनावों में भाजपा (BJP) के पास पर्याप्त संख्या नहीं होने के बावजूद पांच सीटें जीतीं। चुनावी नतीज़े आने के बाद से ही शिंदे शिवसेना आलाकमान के सम्पर्क से दूर हो गये।

बागी विधायकों का आंकड़ा लगभग 30 है। शायद ये और भी हो ज़्यादा सकता है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने ये तादाद 30 आंकी है, आईएएनएस का कहना है कि शिंदे के पास 37 विधायक हैं और इस फेहरिस्त में और विधायक भी शामिल हो सकते हैं। ज़ी न्यूज के सूत्रों के मुताबिक निर्दलीय विधायकों समेत ये तादाद 40 के करीब है।

एमवीए सरकार के पास कुल 288 सीटों में से कुल 169 विधायक हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। शिंदे 30 विधायकों के साथ भी सरकार गिरा सकते हैं। दलबदल विरोधी कानून को दरकिनार करने के लिये एकनाथ शिंदे को शिवसेना के 37 विधायकों के समर्थन की दरकार है। महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) में एनडीए के 113 विधायक हैं। 32 का जोड़ इसे आधे रास्ते से आगे ले जायेगा।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भेजे गये शिवसेना नेता मिलिंद नार्वेकर और रवींद्र फाटक (Milind Narvekar and Ravindra Phatak) ने मंगलवार (21 जून 2022) को सूरत के होटल में बागी विधायकों से बातचीत की, लेकिन वो साफतौर पर किसी समझौते पर नहीं पहुंचे सके।

हिंदुत्व पर शिवसेना के रूख को कथित तौर पर कमजोर किये जाने से एकनाथ शिंदे और विधायक नाराज हैं। वो कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Congress and Nationalist Congress Party-NCP) के साथ वैचारिक रूप से बने बेमेल गठबंधन से नाराज हैं। भाजपा और शिवसेना ने 2019 का आम चुनाव एक साथ लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री पद के सवाल पर वो अलग हो गये। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने दावा किया था कि भाजपा ने उन्हें पद देने का वादा किया था, लेकिन पार्टी ने आरोप से इनकार किया। कई दिनों की बातचीत के बाद पार्टी ने कांग्रेस और शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी के साथ गठबंधन किया।

बीजेपी और शिवसेना दो दशक से ज़्यादा समय तक गठबंधन में रहे थे और बाद में अलग हो गये। विपक्षी भाजपा शिवसेना पर हिंदुत्व (Hindutva) के प्रति नरम रूख अपनाने का आरोप लगातार लगा रही थी, जो कि शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) की विचारधारा थी। हाल ही में शिवसेना सरकार ने एक भाजपा सांसद और एक विधायक को हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) पढ़ने के मामले में कानूनी मुकदमा दर्ज करवाया था। इस प्रकरण से भाजपा को शिवसेना पर हमला करने का मौका मिल गया कि अब मौजूदा शिवसेना बाला साहेब वाली शिवसेना नहीं रही। भाजपा ने उद्धव ठाकरे पर इल्ज़ाम लगाया कि कांग्रेस और शरद पवार के दबाव में शिवसेना हिंदुत्व की परिपाटी से अलग होती जा रही है।

फ्लाइट में सवार होने से पहले शिंदे ने कहा कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत नहीं की है। उन्होंने कहा कि बागी विधायक चाहते हैं कि शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो। उन्होंने कहा कि, “मेरे और शिवसेना के विधायक चाहते हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनायें, मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है।” उन्होंने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत की है, इस दौरान उन्होनें “जय महाराष्ट्र और गर्व से कहो हम हिंदू है” के नारे भी लगाये।

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