न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Maharashtra Crisis: शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बीते बुधवार को एक ट्वीट में लिखा कि पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिये ‘अप्राकृतिक गठबंधन’ से बाहर निकलना अब बेहद अहम है। हालांकि उन्होंने ट्विटर पर कहा कि राज्य के हित में फैसला लेने की जरूरत है।
शिंदे ने लिखा, “पिछले 2.5 वर्षों में शिवसेना (Shiv Sena) को सिर्फ नुकसान हुआ है और अन्य दलों को फायदा। जहां अन्य दल मजबूत हुए हैं, वहीं शिवसेना कमजोर हुई है।” सूत्रों के मुताबिक महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) में गठबंधन सहयोगियों के सुझाव के बीच सामने आया है कि बागी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाये।
एकनाथ शिंदे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि शिवसेना भाजपा के साथ अपना गठबंधन बहाल करे लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ऐसा करना सही नहीं लगता। उद्धव ठाकरे ने कथित तौर पर कल एक आपात बैठक में पार्टी नेताओं से कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि हमें भाजपा के साथ जाना चाहिये। लेकिन हम ऐसा कैसे कर सकते हैं। हम महाविकास अघाड़ी के साथ है, हमें निशाना बनाया गया है, आखिर हमें भाजपा (BJP) साथ क्यों जाना चाहिए?”
इससे पहले उद्धव ठाकरे ने 18 मिनट के इमोशनल लाइव वेबकास्ट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि अगर कोई शिवसैनिक उनकी जगह लेता है तो उन्हें खुशी होगी। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि अगर बागी नेता एकनाथ शिंदे और उनका समर्थन करने वाले विधायक उनसे ऐसा करने के लिये कहते हैं तो वो सीएम पद छोड़ने के लिये तैयार हैं।
इस उद्धव ठाकरे ने अनुभवहीन होने की बात भी स्वीकार की और साफ किया कि पिछले साल के आखिर में रीढ़ की सर्जरी ने उन्हें लोगों से मिलने से दूर रखा।
इन्हीं बातों के बीच उन्होनें अपने संबोधन में कहा कि- “अगर मेरे अपने लोग मुझे नहीं चाहते हैं, तो मैं सत्ता में नहीं रहना चाहता। मैं अपने त्याग पत्र के साथ तैयार हूं, भले ही कोई विद्रोही आये और मुझसे आमने-सामने कहे कि वो मुझे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं देखना चाहता। अगर शिव सैनिक मुझसे कहते हैं तो मैं शिवसेना अध्यक्ष पद छोड़ने के लिये भी तैयार हूं। मैं चुनौतियों का सामना करता हूं और उनसे कभी मुंह नहीं मोड़ता।’