नई दिल्ली (श्री हर्षिणी सिंधू): Presidential Polls: भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले एनडीए द्वारा नामित राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने आज (24 जून 2022) दिल्ली में संसद पुस्तकालय भवन में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नामांकन के लिये उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने समर्थन किया। प्रस्तावकों के दूसरे समूह में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री थे, तीसरे प्रस्तावक हिमाचल और हरियाणा के विधायक और सांसद थे और चौथे सेट में गुजरात के विधायक और सांसद थे।
पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त), भूपेंद्र यादव और गिरिराज सिंह (Bhupendra Yadav and Giriraj Singh) नामांकन दाखिल करने के दौरान मौके पर मौजूद थे।
उनके नामांकन दाखिल करने के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Hemant Biswa Sarma) समेत सभी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। इस दौरान एनडीए के साथी दल युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता वी. विजयसाई रेड्डी और बीजू जनता दल (बीजद) तुकुनी साहू, बीजेडी सांसद डॉ सस्मित पात्रा और जगन्नाथ सारका (BJD MPs Dr. Sasmit Patra and Jagannath Sarka) की भी मौजूदगी देखी गयी।
देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने वाली पहली महिला आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा (Odisha) से आने वाली अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं। वो शिक्षा के क्षेत्र से सीधा तालुक्क रखती है, जो कि साफतौर पर दिखाता है कि वो देश के आदिवासी समाज का उत्थान करेंगी।
बता दे कि द्रौपदी मुर्मू जिन्हें भाजपा के अगुवाई वाले एनडीए (NDA) ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है, वो इससे पहले झारखंड की पूर्व राज्यपाल और ओडिशा की पूर्व मंत्री रह चुकी हैं। 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के चुनाव में उनका सामना विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से होगा। अगर वो चुनी गयी तो वो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से किसी प्रमुख राजनीतिक दल या गठबंधन की पहली राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं। उन्होंने बाधाओं को तोड़ना जारी रखा जिसके चलते वो झारखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। उन्होंने साल 2015 से 2021 तक झारखंड (Jharkhand) की राज्यपाल के तौर पर काम किया।
ओडिशा के पिछड़े जिले मयूरभंज के एक गांव में गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी द्रौपदी मुर्मू ने चुनौतीपूर्ण हालातों के बावजूद अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर रायरंगपुर (Sri Aurobindo Integral Education Center Rairangpur) में पढ़ाया भी है। उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ, उन्होंने रमादेवी महिला कॉलेज भुवनेश्वर (Ramadevi Women’s College Bhubaneshwar) में बीए किया।
द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत रायरंगपुर एनएसी के उपाध्यक्ष के तौर पर थी। वो साल 2000 और 2004 के बीच रायरंगपुर से ओडिशा विधानसभा की सदस्य थीं। बतौर मंत्री उन्होंने परिवहन और वाणिज्य, पशुपालन और मत्स्य पालन विभागों का कार्यभार संभाला। उन्होंने 2004 से 2009 तक ओडिशा विधानसभा (Odisha Legislative Assembly) में फिर से विधायक के रूप में काम किया।
साल 2007 में ओडिशा विधानसभा ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिये ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया। उन्होंने 1979 और 1983 के बीच सिंचाई और बिजली विभाग में जूनियर अस्सिटेंस के तौर पर काम किया। भाजपा में कई संगठनात्मक पदों पर काम करते हुए साल 1997 में वो राज्य एसटी मोर्चा की उपाध्यक्ष बनी।
द्रौपदी मुर्मू 2013 से 2015 तक भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य थीं और उन्होंने 2010 और 2013 में मयूरभंज (पश्चिम) के भाजपा जिला प्रमुख के तौर पर काम करते हुए बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। साल 2006 और 2009 के बीच वो ओडिशा में भाजपा के एसटी मोर्चा की प्रमुख थीं। साल 2002 से 2009 तक द्रौपदी मुर्मू भाजपा एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य रहीं।