एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): पाकिस्तान (Pakistan) ने कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा (LeT- Lashkar-e-Taiba) के टॉप ऑपरेटर और 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमांइड साजिद मीर (Terrorist Sajid Mir) को गिरफ्तार किया, जिसे कई साल पहले मृत घोषित कर दिया गया था। नवंबर 2008 की घेराबंदी में शामिल मीर अमेरिका और भारत में वॉन्टेड आंतकी है, जिसकी 10 सालों से तलाश चल रही है। रिपोर्टों के मुताबिक मीर 26/11 का मास्टरमांइड है। मीर ने ही आंतकी हमले की तैयारी, रेकी और टोही जैसे कामों की अगुवाई की थी। वो लगातार पाकिस्तान में बैठा पूरे हमले पर निगाहें बनाये हुए निर्देश दे रहा था।
आतंकवादी हमले में छह अमेरिकियों समेत अलग-अलग मुल्कों के 170 लोग मारे गये थे, जब 10 लोगों की एक आंतकी टीम ने मुंबई में कई ठिकानों पर हमले किये थे। आंतकी साजिद मीर की गिरफ्तारी ऐसे में वक्त में हुई है, जब पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी वित्त निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF-Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है।
पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की हाल ही में सरकार में पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री और बीते तीन वर्षों से बहुपक्षीय मामलों के बातचीत के प्रभारी हम्माद अजहर (Hamad Azhar) ने बताया कि पाकिस्तान ने साजिद मीर और दूसरे नामजदों के खिलाफ कदम उठाये। आतंकवादी जो FATF के लिये “गैर संतोषजनक” थे। टास्क फोर्स (Task Force) पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट में रखती रही है, जिसका इस्तेमाल तयशुदा नियम ना मानने वो मुल्कों की निगरानी करने और उन्हें अलग-थलग करने के लिये किया जाता है।
साजिद मीर पर 5 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम है, 26/11 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिये भारत की वॉन्टेड लिस्ट में है। बता दे कि मुंबई 26/11 हमले में 166 लोग मारे गये थे।
साज़िद मीर को हुई 15 साल की जेल
इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान में लाहौर (Lahore) की आतंकवाद-रोधी अदालत ने साजिद मीर को आतंकवाद को फंडिंग करने के एक मामले में 15 साल से ज़्यादा की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने पाया था कि साजिद मीर लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा (Jamaat-ud-Dawa) के लिये फंड इकट्ठा कर रहा था।