न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज (25 जून 2022) गोधरा दंगों पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि झूठे आरोपों की वज़ह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने खामोश रहकर परेशानियों और आरोपों को सहा है। उन्होंने हिंसा को रोकने के लिये काफी प्रयास किया। गुजरात दंगों को काबू करने के लिये मोदी जी ने सब कुछ किया था, लेकिन ये हमारे हाथ में नहीं था क्योंकि गोधरा (Godhra) की घटना के खिलाफ जनता में गुस्सा था।
एक इंटरव्यूह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि- “अधिकारियों-प्रशासन ने अच्छा काम किया। लेकिन घटना (गोधरा ट्रेन जलने) को लेकर लोगों में गुस्सा था। किसी को भनक नहीं थी – न पुलिस, न ही किसी और। बाद में ये किसी के हाथ में नहीं था”
शाह ने कहा कि एक तरफ गुजरात (Gujarat) में जब मुस्लिम विरोधी दंगे चल रहे थे, दूसरी तरफ झूठे आरोपों ने मोदी जी को अंदर तक झकझोर कर रखा दिया। मोदी जी ने भगवान शंकर की तरह ‘विषपान’ करते हुए सभी दर्द को झेलते हुए बिना एक शब्द कहे 20 साल की इस लंबी लड़ाई को लड़ा। कुछ भी नहीं कहने और सफाई देने के लिये आगे नहीं आये क्योंकि मामला विचाराधीन था। मोदी जी के खिलाफ एक धारणा बनायी गयी है। अहम घटनाओं से ठीक पहले और पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से पहले गोधरा दंगों पर लेख लिखे जाते है।
अमित शाह ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Social Activist Teesta Setalvad) के नाम का भी जिक्र किया। जिस पर उन्होनें कहा कि- “सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जकिया जाफरी (Zakia Jafri) ने किसी और के इशारे पर काम किया। एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किये, जो कि दंगा पीड़ितों को पता भी नहीं था। सभी जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ऐसा कर रहा था। जब उस समय यूपीए सरकार (UPA Government) सत्ता में आयी थी तो उन्होनें एनजीओ की मदद की थी। “
गुजरात दंगों (Gujarat Riots) पर आगे अमित शाह ने कहा कि- “जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई। जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उसी दिन दोपहर में ही हमने सेना को बुलाया था। सेना को पहुंचने में कुछ समय लगता है … एक दिन की भी देरी नहीं हुई थी। कोर्ट ने भी इसकी तारीफ की”।
बता दे कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बीते शुक्रवार (24 जून 2022) को गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष जांच दल की क्लीन चिट को बरकरार रखा।