बेहद खास है भारत और UAE का जुड़ाव, गहरी है दोनों मुल्कों के बीच कारोबारी जड़ें

न्यूज डेस्क (प्रियवंदा गोप): G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद जर्मनी से वापस आते समय, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का संयुक्त अरब अमीरात (UAE- United Arab Emirates) की राजधानी अबू धाबी (Abu Dhabi) में एक घंटे का ठहराव था। इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात के मौजूदा राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (President Sheikh Mohamed bin Zayed Al Nahyan) ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया। पीएम मोदी (PM Modi) ने संयुक्त अरब अमीरात के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान (Sheikh Khalifa bin Zayed Al Nahyan) के निधन पर भी शोक ज़ाहिर किया।

दोनों मुल्क एक दूसरे के लिये बेहद अहम

संयुक्त अरब अमीरात चीन और अमरीका (China and America) के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। जबकि भारत संयुक्त अरब अमीरात के लिये दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। साल 2019-20 में दोनों देशों के बीच 4,60,000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था। अमेरिका के बाद भारत सबसे ज्यादा यूएई को निर्यात करता है। साल 2019 में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात को 2,26,000 करोड़ रूपये की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात किया।

आज यूएई चीनी, फल, हरी सब्जियां, चाय, मांस, कपड़े, रसायन, कीमती धातुओं और पत्थरों के लिये भारत पर बहुत ज़्यादा निर्भर है। दूसरी ओर भारत कच्चे तेल के लिये यूएई पर निर्भर है। सऊदी अरब और इराक (Saudi Arabia and Iraq) के बाद भारत अपना 10 फीसदी कच्चा तेल यूएई से खरीदता है।

संयुक्त अरब अमीरात की कुल जनसंख्या लगभग एक करोड़ है, जिसमें से 35 लाख लोग अकेले भारत से हैं। यानी यूएई की कुल आबादी में 35 फीसदी भारतीय हैं। बड़ी बात ये है कि साल 2018 में दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने करीब 6 लाख करोड़ रूपये भारत भेजे, जिसमें से 1 लाख करोड़ रुपये अकेले यूएई से आये।

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