MVA Crisis: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा, कल बहुमत साबित करें उद्धव ठाकरे

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): MVA Crisis: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) ने राज्य में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार से 30 जून को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिये कहा। राज्य में फिलहाल मौजूदा सियासी हालात काफी उथल-पुथल भरे हुए है। राज्यपाल ने सीएम ठाकरे के खिलाफ विश्वास मत के एकमात्र एजेंडे के साथ राज्य विधानसभा का विशेष सत्र कल बुलाने के लिये राज्य विधानसभा सचिव को खत लिखा। अधिसूचना के मुताबिक विशेष सत्र सुबह 11 बजे शुरू होगा जिसका सीधा प्रसारण भी किया जायेगा।

ये खब़र ऐसे में वक़्त में सामने आ रही है, जब विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के दिल्ली से लौटने के बाद मंगलवार (28 जून 2022) रात राज्यपाल से मुलाकात हुई, इस दौरान उन्हें एक खत सौंपा गया, जिसमें तुरन्त फ्लोर टेस्ट (Floor Test) की मांग की गयी। राज्यपाल ने अधिसूचना में कहा कि- “महाराष्ट्र में मौजूदा सियासी हालात बेहद परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते है। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में व्यापक कवरेज है कि शिवसेना (Shiv Sena) विधायक दल के 39 विधायकों ने महा विकास अघाड़ी सरकार (Maha Vikas Aghadi Govt.) से बाहर निकलने की अपनी इच्छा और फैसला ज़ाहिर किया है।” `

राज्यपाल ने आगे कहा कि- “महाराष्ट्र विधानसभा नेता विपक्ष ने 28 जून, 2022 को व्यक्तिगत रूप से राजभवन (Raj Bhavan) में मुझसे मुलाकात की। मुझे राज्य की राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया गया और उसके बाद विपक्ष के नेता ने एक खत पेश किया जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री विधानसभा में बहुमत खो चुके हैं। विपक्ष के नेता द्वारा पेश खत में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने का अनुरोध किया गया है ताकि महाराष्ट्र में अलोकतांत्रिक तरीकों से किसी भी राजनीतिक सौदेबाजी को रोका जा सके।

सूत्रों के मुताबिक कुछ निर्दलीय विधायकों (Independent Legislators) ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल के रजिस्टर्ड ईमेल एड्रेस पर ईमेल भेजकर तुरन्त फ्लोर की मांग की थी। इन सिलसिलेवार कवायदों के बाद राज्यपाल कार्यालय ने अधिसूचना जारी की। जिसमें कहा गया कि “28 जून, 2022 को राजभवन मुंबई को 7 निर्दलीय विधायकों का ईमेल मिला। ईमेल में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर बहुमत का विश्वास खो दिया है, जिसके बाद जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

अधिसूचना में राज्यपाल ने आगे कहा कि- राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में मुझे ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार सदन में समर्थन और विश्वास के साथ काम करे। इस तरह मैंने मुख्यमंत्री को खत जारी कर 30 जून 2022 को सदन के पटल पर अपना बहुमत साबित करने का आह्वान किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले आज (29 जून 2022) सुबह एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने गुवाहाटी (Guwahati) के मशहूर कामाख्या मंदिर का दौरा किया, जहां वो शिवसेना के अन्य बागी विधायकों के साथ होटल में डेरा डाले हुए हैं। शिंदे ने कहा कि वो फ्लोर टेस्ट के लिये तैयार हैं और कल (30 जून 2022) मुंबई लौटेंगे। शिंदे ने गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) जाने के बाद कहा कि, “मैं कल मुंबई लौटूंगा। मैंने यहां मंदिर में महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण के लिये प्रार्थना की।”

इस बीच शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी (Shiv Sena MP Priyanka Chaturvedi) ने आज कहा कि फ्लोर टेस्ट करवाना सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की अवमानना ​​है क्योंकि शीर्ष अदालत एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले शिवसेना के ब्रेकवे कैंप के 16 विधायकों की अयोग्यता से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही है। उन्होनें ट्विट कर लिखा कि- “जब 16 विधायकों की अयोग्यता को सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई तक के लिये टाल दिया है तो फ्लोर टेस्ट के लिये कैसे कहा जा सकता है? ये विधायक फ्लोर टेस्ट में कैसे हिस्सा ले सकते हैं जब तक कि उनकी अयोग्यता की स्थिति का फैसला नहीं किया जाता है और दूसरे मामले जिनके लिये नोटिस भेजा गया है, जिनमें वो विचाराधीन हैं?”

चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा कि, “ये अदालती कार्यवाही की अवमानना ​​होगी अगर मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में आखिरी सुनवाई नहीं होने के बावजूद फ्लोर टेस्ट कराया गया।”

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार को झटका देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे समेत अन्य बागी विधायकों ने 20 जून को पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी और गुजरात के सूरत (Surat in Gujarat) में डेरा डाल दिया। बाद में बागी विधायकों ने अपना अड्डा गुवाहाटी के एक होटल में शिफ्ट कर लिया।

पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती देने वाले विधायकों की सुरक्षा को लेकर सोमवार (27 जून 2022) को शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट की अदालत में एक अलग याचिका दायर की थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice Surya Kant and Justice JB Pardiwala) की बेंच ने सोमवार को याचिकाओं पर सुनवाई की। बता दे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों की अयोग्यता की कार्यवाही 11 जुलाई तक टालने के बाद एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया था कि, “ये बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के हिंदुत्व और आनंद दिघे (Anand Dighe) के विचारों की जीत है।”

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