न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बीते गुरूवार (30 जून 2022) को कहा कि निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के लिये दर्जी कन्हैया लाल तेली का कथित तौर पर सिर कलम करने वाले उदयपुर हत्याकांड (Udaipur Murder) के दोनों आरोपी रियाज अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद (Riyaz Akhtari and Ghaus Mohammad) आतंकी गिरोह का हिस्सा थे, न कि आतंकी संगठन। एनआईए ने कहा कि- दोनों अभियुक्तों का काम कन्हैयालाल (Kanhaiyalal) का सिर काटना था, गिरोह के बाकी लोग रेकी और प्लानिंग का काम सौंपा गया था।
बता दे कि एनआईए (NIA) की 10 सदस्यीय टीम उदयपुर मामले की जांच महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी की अगुवाई में कर रही है। टीम आज रियाज अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद को विशेष एनआईए कोर्ट में पेश करेंगी। दोनों के खिलाफ सख्त यूएपीए कानून (UAPA Law) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि आतंकवाद विरोधी एजेंसी कन्हैया लाल तेली की हत्या में स्थानीय आत्म-कट्टरपंथी गिरोहों (Local Self-Radicalized Gangs) की भूमिका तलाश रही है। एजेंसी ने कहा कि रियाज अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद ने 47 वर्षीय व्यक्ति का सिर कलम कर दिया ताकि “देश भर की जनता के बीच आतंक फैलाया जा सके”। एनआईए अंतरराष्ट्रीय साजिश के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। जांच टीम ने कहा कि दिन दहाड़े हत्या में और लोग भी शामिल हो सकते हैं।
रियाज अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये पाकिस्तान के सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी (Sunni Islamic organization Dawat-e-Islami) के सदस्य बन गये थे। उनमें से एक पाकिस्तान में बैठे लोगों के संपर्क में है, एजेंसी ने कहा कि शुरूआती जांच प्रारंभिक चरण में है और इन संभावनाओं के आधार पर नतीज़ा निकालना जल्दबाजी होगी।
क्या है दावत-ए-इस्लामी?
दावत-ए-इस्लामी कराची का इस्लामिक गुट है। इनकी वेबसाइट का कहना है कि ये गुट “वैश्विक गैर-राजनीतिक इस्लामी संगठन है, जो दुनिया भर में कुरान (Quran) और सुन्नत (Sunnah) के प्रचार के लिये लगातार काम कर रहा है।” इसका गठन 1981 में किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद कुछ साल पहले पाकिस्तान (Pakistan) गया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी के संपर्क में रहने वाले तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
बीते गुरूवार को स्थानीय अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें चेहरे ढके पुलिस वैन में लाया गया। पब्लिक प्रोसिक्यूटर (Public Prosecutor) ने दावा किया कि दोनों शख़्स ऐसा रवैया बरत रहे थे कि मानों उन्होंने कुछ किया हो ना हो।
इस हफ़्ते की शुरूआत में दोनों ने कथित तौर पर दर्जी कन्हैया लाल साहू पर घात लगाकर हमला किया था। वो ग्राहक बनकर उनकी की दुकान पर गये और माप लेते समय उन पर हमला कर दिया। रिकॉर्ड किये गये वायरल वीडियो में जिसे उन्होंने बाद में वायरल किया था, जिसमें दोनों ने दावा किया कि उदयपुर के दर्जी को मारकर उन्होंने इस्लाम (Islam) के अपमान का बदला लिया था। जिसके बाद गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने मामले में “किसी भी संगठन और अंतर्राष्ट्रीय लिंक की भागीदारी” का पर्दाफाश करने के लिये उदयपुर मामले को एनआईए को सौंप दिया था।
बता दे कि कन्हैया लाल को फेसबुक पर कथित रूप से आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वो जमानत पर बाहर थे। उन्होनें कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उन्हें लगातार धमकी भरे फोन आ रहे थे।