न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय (Mohammad Ali Jauhar University) के निर्माण से जुड़े एक मामले में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आजम खान, उनकी पत्नी और उनके बेटे को 15 जुलाई से पहले अलग-अलग तारीखों पर तलब किया। प्रवर्तन निदेशालय ने आजम खान (Azam Khan), उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा (Tazeen Fatima) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में अपने जोनल कार्यालय में पेश होने के लिये कहा।
मामला यूपी के रामपुर (Rampur) स्थित जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिये बड़े पैमाने पर फंड ट्रांसफर से जुड़ा है। ईडी ने साल 2019 में ये मामला दर्ज किया था। इसी साल मई महीने के दौरान रामपुर में आजम खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में एजेंसी की लखनऊ शाखा की एक टीम ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय द्वारा अधिग्रहित भूमि का भी वेरिफिकेशन भी किया था।
विश्वविद्यालय का संचालन आजम खान की अगुवाई में बने ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो कि रामपुर के विधायक और इसके पूर्व सांसद भी रह चुके हैं। खान के खिलाफ रामपुर में लोगों द्वारा दर्ज भूमि हथियाने के 26 मामलों के आधार पर अगस्त 2019 में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ईडी को खान और उनके परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज करना था क्योंकि आरोप हैं कि ट्रस्ट को भारी डॉनेशन हासिल हुआ था, और खान की अध्यक्षता वाले जौहर ट्रस्ट (Jauhar Trust) द्वारा ये रकम इकट्ठी की गयी थी। ईडी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये पैसे देने वाले ट्रस्टियों के ब्यौरे को भी ट्रैक और स्कैन कर रहा है।
एजेंसी उस हवाला मनी चैनल की भी जांच कर रही है, जिसका कथित तौर पर ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय की बनाने के लिये इस्तेमाल किया था। माना जा रहा है कि कई लोगों ने ट्रस्ट को पैसा दान किया था और बदले में निर्माण कार्य और विश्वविद्यालय के लिये सामान की सप्लाई का ठेका हासिल किया।