Amarnath Cloudburst: अमरनाथ में 13 लोगों की मौत 40 से ज़्यादा लोग लापता, बचाव और राहत अभियान जारी

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा (The holy cave of Amarnath in South Kashmir) के पास बीते शुक्रवार (8 जुलाई 2022) बादल फटने से अचानक आयी बाढ़ में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गयी जबकि 40 अन्य अभी भी लापता हैं। इस घटना में 48 लोग घायल हो गये। अधिकारियों ने कहा कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जायेगा।

फिलहाल हवाई रास्ते बचाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। आज सुबह से छह तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। पर्वतीय बचाव दल और तलाशी दल लापता लोगों की तलाश में लगातार जुटे हुए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर के पास हुई मौतों और विनाश का कारण बेहद ज़्यादा स्थानीय बारिश की घटना थी, न कि बादल का फटना। दूसरी ओर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की तीन टीमें, जिसमें लगभग 75 बचाव दलकर्मी शामिल हैं। मौजूदा हालातों में प्रभावित इलाकों में लापता लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं।

बता दे कि बीते शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे के आसपास हुए बादल फटने से भारी बारिश हुई और कीचड़ की मोटी धारायें पहाड़ी ढलानों से घाटी में लुढ़क गयी। अचानक आयी बाढ़ ने बड़ी संख्या में लोगों को बहा ले गयी। तंबू और तीन लंगर (Langar) कीचड़ की धार में बहाते हुए पहाड़ी से नीचे गिर गये।

अधिकारियों के मुताबिक तीर्थयात्रियों के भोजन परोसने वाले 25 टेंट और तीन लंगरों को नुकसान पहुंचाते हुए पानी तीर्थस्थल के बाहर आधार शिविर में घुस गया।

घायलों की मदद के लिये सोनमर्ग और अन्य जगहों पर अस्थायी अस्पताल बनाये गये हैं। प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद के लिये दक्षिण कश्मीर, श्रीनगर और अनंतनाग (Srinagar and Anantnag) में हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने के अलावा संभागीय आयुक्त (कश्मीर) के प्रभार में एक एकीकृत कमांड सेंटर बनाया गया है।

सामने आये वीडियो में देखा गया कि तंबू से पानी बह रहा है, लोग गैस स्टोव और कंबल लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं। बचावकर्मियों के टीम को सिर्फ हाथों से धरती की खुदाई करते हुए देखा गया क्योंकि वो चट्टान और मिट्टी के मलबे के नीचे ज़िन्दा बचे लोगों की तलाश कर रहे थे।

इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दुख जताया है। उन्होंने ट्विट कर कहा कि, “श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरा हार्दिक संवेदनायें। मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) जी से बात की और हालातों का जायजा लिया। बचाव और राहत अभियान जारी है। प्रभावितों को हर मुमकिन मदद मुहैया करवायी जा रही है।”

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने चार हेल्पलाइन नंबर बनाये हैं, जहां लोग घटना के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।

एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253

कश्मीर संभागीय हेल्पलाइन: 0194-2496240

श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149

संयुक्त पुलिस नियंत्रण कक्ष पहलगाम

9596779039

9797796217

01936243233

01936243018

पुलिस नियंत्रण कक्ष अनंतनाग

9596777669

9419051940

01932225870

01932222870

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड

एनडीआरएफ: 011-23438252, 011-23438253

कश्मीर संभागीय हेल्पलाइन: 0194-2496240

श्राइन बोर्ड हेल्पलाइन: 0194-2313149

43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा 30 जून को तीन साल के अंतराल के बाद शुरू हुई। साल 2019 में केंद्र द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने से पहले यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया गया था। तीर्थयात्रा 2020 और 2021 में कोविड महामारी (Covid Pandemic) की वज़ह से नहीं हुई थी।

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