न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): सुप्रीम कोर्ट ने आज (11 जुलाई 2022) भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या (Vijay Mallya) को अदालत की अवमानना के मामले में चार महीने कैद की सजा सुनायी, जो कि बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के बैंक लोन चूक मामले में आरोपी है। न्यायमूर्ति यूयू ललित (Justice UU Lalit) की अध्यक्षता वाली न्यायिक पीठ ने माल्या पर 2,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया। शीर्ष अदालत ने 10 मार्च को इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, ये देखते हुए कि माल्या के खिलाफ कार्यवाही “आखिरी सुनवाई” पर आ गयी है।
शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने 2020 में माल्या की 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हुए अपने बेटे को 40 मिलियन अमरीकी डालर (एक मिलियन = दस लाख) ट्रांसफर करने के लिये अवमानना का दोषी ठहराया गया था।
शीर्ष अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि माल्या ने अपने चाल-चलन के लिये कोई पछतावा नहीं दिखाया और सजा की सुनवाई के दौरान उसके सामने पेश नहीं हुए। कोर्ट ने आगे कहा है कि “कानून की महिमा को बनाये रखने” के लिये उस पर वाज़िब सजा दी जानी चाहिये और ये सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी किये जाने की जरूरत है कि आदेशों को लागू करने के लिये मौजूदा रकम विवाद में है।
इसलिये अदालत ने माल्या को चार हफ़्तों के भीतर 8 प्रतिशत ब्याज के साथ 40 मिलियन अमरीकी डालर (USD) जमा करने का निर्देश दिया, ऐसा नहीं करने पर उनकी संपत्तियों के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही शुरू की जायेगी।