न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आज (11 जुलाई 2022) महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) अध्यक्ष से उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) खेमे के शिवसेना (Shiv Sena) विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर कोई फैसला नहीं लेने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में एक पीठ के गठन की जरूरत होगी और मामले की लिस्टिंग होने में कुछ समय लगेगा। मामला कल लिस्टेड नहीं किया जायेगा।
उद्धव खेमे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Senior Advocate Kapil Sibal) ने याचिकाओं को तुरन्त लिस्टेड करने की मांग करते हुए कहा कि स्पीकर (Speaker) ने अयोग्यता मामले को कल सुनवाई के लिये रखा है।
सिब्बल ने कहा कि, “अदालत ने कहा था कि याचिकाओं को 11 जुलाई को लिस्टेड किया जायेगा। मैं गुज़ारिश करता हूं कि जब तक यहां मामला तय नहीं हो जाता, तब तक कोई अयोग्यता की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि इससे पहले शीर्ष अदालत ने बागी विधायकों (Rebel MLAs) का बचाव किया, जब उन्होंने माननीय न्यायालय संपर्क किया था।
अदालत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल से नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष को अपना निर्देश देने को कहा। ठाकरे की अगुवाई वाले गुट ने 3 जुलाई और 4 जुलाई को हुई विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें सदन का एक नया अध्यक्ष चुना गया था। इसी क्रम में बाद में फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही में शिंदे की अगुवाई वाले गठबंधन ने बहुमत साबित किया था।