न्यूज डेस्क (आदर्श वार्ष्णेय): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार के फुलवारी शरीफ मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है, जिसके चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से संबंध हैं। फिलहाल एनआईए इसकी जांच तेजी से आगे बढ़ा रही है। एनआईए ने कल रात गृह मंत्रालय (MHA) के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन (Counter Terrorism and Counter Radicalization Division) द्वारा जारी 22 जुलाई के आदेश के बाद भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।
पीएफआई “टेरर मॉड्यूल” मामले का खुलासा हाल ही में बिहार पुलिस (Bihar Police) ने किया था। बिहार पुलिस ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की योजना के साथ तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की। इस दौरान पुलिस को साल 2047 तक भारत गज़वा-ए-हिंद (Ghazwa-e-Hind) की अमली जामा पहनाने से जुड़े दस्तावेज़ भी बरामद हुए है। एनआईए ने बीते बुधवार (20 जुलाई 2022) को बिहार के पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसा (Jamia Maria Niswa Madrasa) में तलाशी ली और एक संदिग्ध मौलवी को भी हिरासत में ले लिया।
मामले में झारखंड के सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज (Mohammad Jalaluddin and Athar Parvez) को 13 जुलाई को बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया गया था, जबकि नूरुद्दीन जंगी (Nooruddin Jangi) को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद-रोधी दस्ते ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया। फुलवारी शरीफ मामले में बिहार पुलिस अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, मामले में में 26 लोगों को नामजद किया गया हैं।
बिहार पुलिस की ओर से फुलवारी शरीफ में की गई छापेमारी में कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। ऐसे ही एक दस्तावेज का शीर्षक था ‘विजन 2047 इंडिया’ में तुर्की जैसे इस्लामिक राष्ट्रों मदद से भारतीय मुसलमानों द्वारा भारत में सिलसिलेवार सशस्त्र हमले शुरू करने के तरीकों का दस्तावेजीकरण किया गया था। पुलिस ने पीएफआई के कई और आपत्तिजनक पर्चे भी बरामद किये हैं।
इन आतंकियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के पटना दौरे से 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में ट्रेनिंग दी जा रही थी। उन्होंने 6-7 जुलाई को बैठकें कीं और सांप्रदायिक रूप से भड़काने वाले भाषणों का भी इस्तेमाल किया। इससे पहले तेलंगाना (Telangana) के निजामाबाद (Nizamabad) में इसी तरह की कई गिरफ्तारियां की गयी थीं, जहां पीएफआई ने मुसलमानों को भर्ती करने और हथियारों चलने में प्रशिक्षित करने के लिये कट्टरपंथ शिविर का आयोजन किया था।
बिहार में इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) ने भी मामले में पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जांच शुरू कर दी है।