एजेंसियां/न्यूज डेस्क (आदर्श शुक्ला): पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद अहमद (Sheikh Rashid Ahmed, Former Home Minister of Pakistan) ने हाल ही में चेतावनी दी कि देश आर्थिक तबाही (Economic Disaster) के कगार पर है और मुल्क को बचाने के लिये बेहद कम वक़्त बचा हुआ है। राशिद ने बीते रविवार (24 जुलाई 2022) को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, “मुल्क को आर्थिक तबाही से बचाने के लिये बेहद कम वक़्त बचा है। राजनीतिक अस्थिरता लगातार मुल्क को डिफ़ॉल्ट की ओर ले जा रही है।”
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पंजाब के मुख्यमंत्री के चुनाव ने ताजा राजनीतिक अशांति को जन्म दिया है। पंजाब के सीएम चुनाव में विपक्ष और गठबंधन दलों के राजनेताओं के बीच भयंकर संघर्ष को जन्म दिया है, जिसमें हमजा शाहबाज (Hamza Shahbaz) ने तकनीकी ग्राउंड पर अपने काम बनाये हुए है। पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के मुताबिक हमजा चौधरी परवेज इलाही (Hamza Choudhary Parvez Elahi) के 176 वोटों के मुकाबले 179 वोटों से जीते, लेकिन इलाही की अपनी पार्टी के 10 वोटों के मिलान के बाद ही हमजा को जीतने में मदद मिली।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार (23 जुलाई 2022) को इलाही की अपील पर फैसला सुनाया, हमजा शहबाज को आज (25 जुलाई 2022) को अगली सुनवाई तक पंजाब के ‘ट्रस्टी’ मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने का फरमान सुनाया गया। मौजूदा राजनीतिक माहौल के बारे में पूछे जाने पर राशिद ने कहा कि, ‘हमें 30 अगस्त से पहले अहम फैसले लेने हैं, नहीं तो कोई भी सरकार काम नहीं कर पायेगी।
एक अन्य ट्वीट में पूर्व गृह मंत्री ने पूछा कि, “अटॉर्नी जनरल (Ashtar Ausaf Ali) ने अहम कानूनी और संवैधानिक मामलों को दरकिनार कर देश क्यों छोड़ दिया।”
पीएमएल-एन (PML-N) नेता राशिद ने गवर्निंग पार्टी पर न्यायिक विरोधी अभियान शुरू करने का आरोप लगाया है और सीएम हमजा से ‘अपना बैग पैक’ करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस साल के आम चुनाव अक्टूबर या नवंबर में होंगे, चाहे हालात कुछ भी हों।
राशिद ने आगे कहा कि देश में राजनीति ‘मजबूत राज्य’ के तहत ही मुमकिन है। उन्होंने कहा कि, “आज कच्चे माल के आयात के लिये पाकिस्तान के डॉलर उपलब्ध नहीं है।”
जनवरी 2022 के बाद से सिर्फ सात महीनों में रूपया अपने मूल्य का लगभग 20% खो चुका है, साथ ही साथ पाकिस्तान के तेजी से घटते विदेशी मुद्रा भंडार और बढ़ते राजकोषीय और चालू खाते के घाटे बड़ी परेशानी का सब़ब है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank Of Pakistan) का मुद्रा भंडार घटकर सिर्फ 9.32 अरब डॉलर रह गया है, जो शायद ही 45 दिनों के लिये आयात को कवर करने के लिये काफी होगा। “डिफ़ॉल्ट” को रोकने के लिए SBP (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) को कम से कम 7.5 बिलियन अमरीकी डालर का विदेशी मुद्रा भंडार बनाये की जरूरत है।
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता अहम उधारदाताओं का विश्वास वापस जीतने की कोशिशों को नाकाम करने की धमकी देती है। निवेशकों को डर है कि देश श्रीलंका (Sri Lanka) की राह पर चल निकेलगा और विदेशी ऋणों पर चूक करने वाली अगली विकासशील अर्थव्यवस्था बन जायेगा।
संघीय कैबिनेट के सदस्य डिफ़ॉल्ट से बचने के लिये अंतिम समय में सार्वजनिक संपत्ति बेचने के लिये मतदान करते हैं। सार्वजनिक संपत्तियों की बिक्री में शामिल सभी प्रक्रियाओं को छोड़ने और नियामक निरीक्षणों को खत्म करने के लिये सरकार द्वारा ‘अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन अध्यादेश 2022’ पारित किया गया है।
विदेशी राष्ट्रों को सार्वजनिक संपत्तियों की जल्दबाजी में बिक्री सरकार को कर्ज से बचाने के लिये हताश प्रयास के तौर पर देखी जाती है। कथित डिक्री पर अभी भी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (President Arif Alvi) के साइन का कोई निशान नहीं है।