Prayagraj: पुलिस ने की 6 नाबालिगों की पहचान, बम बनाकर स्कूलों के बाहर करते थे धमाका

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने शहर के आसपास हुई बम धमाकों की घटनाओं में छह नाबालिगों की शिनाख़्त की है, जिन्होनें हाल ही में कम ताकत वाले बम शहर के एक नामी स्कूल पर फेकें थे। जिला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नाबालिगों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के जरिये बम बनाना सीखा था। उन्होंने न सिर्फ तीन मशहूर कॉन्वेंट स्कूलों के गेट बम फेंके, बल्कि उन्होंने अपना दबदबा बनाने के लिये वारदात से जुड़ी वीडियो फुटेज भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की।

अधिकारियों ने कहा कि इन छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप और गिरोह के नाम तांडव, जगुआर, टाइगर, अमर और रंगबाज हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ” इन बमों को फेंकने का मकसद स्कूली छात्रों के बीच चल रही लड़ाई के मद्देनज़र गुटों के बीच दबदबा बनाना था।”

तीन दिन पहले प्रयागराज पुलिस द्वारा पकड़े गये 11 छात्रों में से दस की उम्र अपराध के समय 18 वर्ष से कम थी। उन पर भारतीय दंड संहिता और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पकड़े गये नाबालिगों के पास से 10 सेल फोन और 2 बम भी मौके से बरामद किये गये। एक नाबालिग को जेल भेज दिया गया, जबकि अन्य को किशोरों हिरासत में रखा गया है।

मामले पर पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज रेंज) राकेश सिंह ने कहा कि, “सोशल मीडिया ऐप पर ग्रुप बनाने के बाद शहर के तीन अलग-अलग कॉन्वेंट स्कूलों के ये छात्र अपने इलाकों में अपना दबदबा साबित करने की होड़ में थे। स्कूल के गेट के बाहर बम फेंकना इस कवायद का हिस्सा था।।”

छानबीन में सामने आया कि उन्होनें पहले पटाखा खरीदा उसकी विस्फोटक सामग्री को निकाला और बाद में उस विस्फोटक में कांच, कीलें और छर्रे मिला दिये।

मामले पर आईजीपी ने कहा, “जिन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनमें से ज्यादातर नाबालिग पढ़ाई-लिखाई में कमजोर है, और उन्होंने अपनी परीक्षाओं में 45 से 55 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं। हम उनकी काउंसलिंग कर रहे हैं और उनके माता-पिता और अभिभावकों से भी अपील की है कि वो अपने बच्चों की बेहतर देखभाल करें।”

यूपी क्राइम ब्रांच (UP Crime Branch) ने इन नाबालिगों से पूछताछ की, इन छात्रों की उम्र 14 से 17 वर्ष की आयु के बीच है। बता दे कि प्रयागराज में ऐसे कम से कम दस गुट हैं, जिनमें 2,000 से ज़्यादा छात्र ऐसे गुटों के सदस्य हैं।

आईजीपी ने दावा किया कि ये नाबालिग एजुकेशनल टूर और पढ़ाई की अन्य गतिविधियों के नाम पर अपने माता-पिता से पैसे लेते थे और बाद में उन पैसों का इस्तेमाल बम बनाने और मौज मस्ती करने के लिये करते थे। बता दे कि इसी साल मई महीने में सिविल लाइंस (Civil Lines) थाने के तहत इलाके में इसी तरह का एक बम धमाका हुआ था। इसी जुलाई महीने के दौरान 4, 15, 16, 22 और 25 तारीख को शहर के कई स्कूलों के बाहर इसी तरह की घटनाओं की खबरें सामने आयी थी।

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