न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को फुलवारी शरीफ (Phulwari Sharif) मामले के सिलसिले में बिहार में कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान एनआईए को डिजिटल उपकरण और कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ मिले है।
बिहार के पटना, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, नालंदा और मधुबनी जिलों (Nalanda and Madhubani Districts) में एनआईए ने छापेमारी की। मामला शुरू में 12 जुलाई को पुलिस स्टेशन फुलवारी शरीफ में दर्ज किया गया था और बाद में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) के निर्देश मिलने के बाद, एनआईए ने 22 जुलाई को धारा 120, 120 बी, 121, 121 ए, 153 ए, 153-बी और भारतीय दंड संहिता के 34 के तहत मामले को फिर से दर्ज किया।
बिहार पुलिस ने इस सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की थीं और करीब 26 संदिग्धों की शिनाख़्त की। मामले पर एनआईए ने अपने बयान में कहा कि उनकी कई टीमों ने पटना, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी और नालंदा जिलों में 10 संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है।
बयान में आगे कहा गया कि पकड़े गये लोगों के देश विरोधी गतिविधियों में पीएफआई (PFI) से जुड़े होने का संदेह है। 14 जुलाई को पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में छापेमारी में भारत को इस्लामिक मुल्क (Islamic Nation) बनाने के लिये कट्टरपंथी गुट पीएफआई (Radical faction PFI) के ‘मिशन 2047’ से जुड़े दस्तावेज जब्त किये गये।
संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने सबसे पहले अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन और अरमान मलिक (Mohammad Jalaluddin and Armaan Malik) को गिरफ्तार किया, पूछताछ के दौरान उन्होंने मार्गूब और शब्बीर (Margub and Shabbir) के नामों का खुलासा किया।
एनआईए की एक टीम ने बीते गुरूवार (29 जुलाई 2022) को दरभंगा जिले (Darbhanga District) के उर्दू बाजार (Urdu Bazaar) इलाके में नूरुद्दीन जंगी (Nooruddin Jangi) के पैतृक घर पहुंची साथ ही एक अन्य टीम ने पूर्वी चंपारण जिले (Champaran District) के चकिया थाना इलाके के कुआव गांव (Kuav village of Chakia police station area) के रियाज उर्फ मरूफ के घर पर छापेमारी की।
फुलवारी शरीफ समेत कई जगहों पर आयोजित पीएफआई कैंप में रियाज (Riyaz aka Maroof) को मास्टर ट्रेनर माना जाता है। मार्गोब कथित तौर पर ‘गज़वा-ए-हिंद’ (Ghazwa-e-Hind) नाम से सोशल नेटवर्किंग ग्रुप चला रहा था साथ ही वो पाकिस्तान और बांग्लादेश (Pakistan and Bangladesh) के युवाओं से भी जुड़ा था।
शुरूआती जांच के दौरान सामने आया कि अतहर परवेज (Athar Parvez) प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI- Students Islamic Movement of India) से जुड़ा था। उसका भाई मंजर आलम (Manjar Alam) साल 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की गांधी मैदान (Gandhi Maidan) रैली में हुए सीरियल बम धमाकों में शामिल था। मोहम्मद जलालुद्दीन (Mohammed Jalaluddin) के सिमी से भी संबंधों का खुलासा हुआ हैं।
छापेमारी के दौरान कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किये गये, जिससे साफ पता लगता है कि वो मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश करने में शामिल थे। वो भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने के लिये पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI- Popular Front of India) के मिशन 2047 पर भी काम कर रहे थे। परवेज सिमी का सदस्य बताया जाता है और वो मुस्लिम युवाओं को ट्रेनिंग देता था। परवेज के भाई मंजर आलम को पटना के गांधी मैदान बम धमाकों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया है कि उसने पीएम मोदी की रैली के दौरान आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी।