न्यूज डेस्क (संज्ञा ग्वाल): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बीते शुक्रवार (29 अप्रैल 2022) को कहा कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला वैट (VAT) यूपी में सबसे कम है, साथ ही निकट भविष्य में भी वैट में कोई इज़ाफा नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर कर विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य में राजस्व संग्रह के ताजा हालातों की समीक्षा की। इस मौके पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Finance Minister Suresh Khanna) भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि- “व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए, हमने राज्य में वैट की दर में इज़ाफा या कोई नया कर नहीं लगाया है। आज पेट्रोल/डीजल पर सबसे कम वैट उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में है। साथ ही निकट भविष्य में भी वैट में कोई इज़ाफा नहीं होगा। इसे ध्यान में रखते हुए इलाके के हिसाब से क्षमता के मुताबिक राजस्व संग्रह (Revenue Collection) बढ़ाने का प्रयास किये जाने चाहिये”
मुख्यमंत्री ने सभी अंचल आयुक्तों (Circle Commissioners) से जीएसटी में व्यापारियों के रजिस्ट्रेशन की स्थिति, वैट वसूली, कर चोरी रोकने के प्रयास से जुड़ी रिपोर्ट ली। चालू वित्त वर्ष में राजस्व वसूली के इलाके के हिसाब से टारगेट की समीक्षा करते हुए पूछताछ की। लक्ष्य हासिल करने के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में और विभिन्न अंचलों की क्षमता के मुताबिक राजस्व क्लेक्शन को बढ़ाने के लिये जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
इसी मुद्दे पर सीएम योगी ने आगे कहा कि- “योजनाबद्ध प्रयासों से राज्य के राजस्व संग्रह में लगातार इज़ाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य का कुल राजस्व संग्रह 58,700 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर लगभग 1 लाख करोड़ रुपये हो गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ये तयशुदा लक्ष्य 31,786 करोड़ रूपये के मुकाबले 32,386 करोड़ रुपये है। इसे संतोषजनक कहा जा सकता है”
योगी ने आगे कहा कि- वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के कर संग्रह लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जाना चाहिये। ये जनता से इकट्ठी की गयी रकम है, जिसे राज्य के विकास के लिये और लोक कल्याण कार्यों के लिये खर्च किया जायेगा। राज्य में अपार संभावनाएं हैं। जीएसटी और वैट (GST and VAT) कलेक्शन के अनुरूप राजस्व हासिल करने के लिये संयुक्त प्रयास किये जाने चाहिए। चालू वित्त वर्ष के लिये 1.50 लाख करोड़ रूपये का लक्ष्य तय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फील्ड अधिकारियों को साप्ताहिक लक्ष्य देने का निर्देश देते हुए कहा कि वो इसकी समीक्षा के लिये मासिक बैठक करेंगे और इस पर साप्ताहिक समीक्षा की जानी चाहिये। छापेमारी और वसूले गये राजस्व पर जोन-वार तरीके से रिपोर्ट बनाय जानी चाहिये। मैं टैक्स कलेक्शन मासिक बैठक आयोजित करूंगा और इसकी जोन-वार समीक्षा करूंगा।
बैठक के दौरान अधिकारियों के विशेष निर्देश देते हुए सीएम योगी ने कहा कि- “व्यापारियों में जागरूकता पैदा करें, ज़्यादा से ज़्यादा कारोबारियों को जीएसटी में पंजीकृत किया जाना चाहिये। व्यापारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन/रिटर्न दाखिल करने के फायदों के बारे में भी अवगत कराया जाना चाहिये। इसी के मद्देनज़र छोटे शहरों में सेमिनार आयोजित किये जाये। अभी भी कई इलाकों में जागरूकता की कमी है, जैसे कि गोरखपुर और बस्ती संभाग (Gorakhpur and Basti Division)। इसके लिये क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को खासा प्रयास करने होंगे।’