न्यूज डेस्क (संज्ञा ग्वाल): मोदी सरकार (Modi Govt.) पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर ज़्यादा जोर दे रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ईवी व्हीकल (EV Vehicle) ईको सिस्टम की ओर लोगों का रूझान बनाने के लिये कई उपाय किए हैं। पिछले महीने गडकरी ने देश की राजधानी और पड़ोसी राज्यों में यातायात और प्रदूषण को कम करने के लिये दिल्ली और हरियाणा (Delhi and Haryana) के चुनिंदा इलाकों में स्काईबस लॉन्च करने के अपने इरादे का खुलासा किया। अब नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने फिर से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में डीजल के इस्तेमाल को कम करने की जरूरत पर जोर दिया है।
इंदौर (Indore) में 2,300 करोड़ रुपये की पांच सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिये आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि- इलेक्ट्रिक बसों में किराया डीजल की तुलना में 30 फीसदी कम हो सकता है। मौजूदा हालातों में राज्य सड़क परिवहन निगम को कभी फायदा नहीं हो सकता, क्योंकि उनकी बसें महंगे डीजल पर चल रही हैं।
गडकरी ने आगे कहा कि, “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि वातानुकूलित इलेक्ट्रिक बसों में टिकट की कीमत डीजल वाली बसों की तुलना में 30 फीसदी तक आसानी से सस्ती हो जायेगी। केंद्र सरकार देश में 50,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है। देश की परिवहन व्यवस्था को लंबी अवधि के नजरिये से बदलने की जरूरत है। पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) के बजाये हमें बिजली, हरित हाइड्रोजन, इथेनॉल और बायो-सीएनजी (Ethanol and Bio-CNG) जैसे सस्ते विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए। बुनियादी ढांचे में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से काम की लागत कम करने की जरूरत है।”
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि- “लेकिन पूरी सरकारी मशीनरी को इसकी आदत नहीं है। राजनेताओं को 50 साल आगे का सोचना चाहिए, क्योंकि सरकारी अधिकारी सिर्फ पैच वर्क करते हैं (किसी भी समस्या को अस्थायी तौर हल करना)। वे सिर्फ आज के काम के बारे में सोचते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि आने वाले दिनों में उनका तबादला कर दिया जायेगा।
बता दे कि कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर, भोपाल, सागर, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम, खंडवा, धार, छतरपुर और विदिशा (Chhatarpur and Vidisha) में 20 फ्लाईओवर के निर्माण को मंजूरी देने का आधिकारिक ऐलान किया।