एजेंसियां/न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): यूएस हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने आज (3 अगस्त 2022) सुबह ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Taiwan’s President Tsai Ing-wen) से मुलाकात की और द्वीप राष्ट्र ताइवान के लिये वाशिंगटन के समर्थन को दोहराते हुए कहा कि ताइवान की संप्रभुता को बनाये रखने के लिये अमेरिका का दृढ़ संकल्पित है।
पेलोसी ने कहा कि, “अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। इस मजबूत नींव पर हमारे पास एक समृद्ध साझेदारी है, जो क्षेत्र और आर्थिक समृद्धि के लिये प्रतिबद्ध है। दुनिया में हम पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित है, ये अमेरिकी सरकार की ओर से लिया गया फैसला है।”
बता दे कि स्व-शासित ताइवान को अपना इलाका बताने वाले चीन द्वारा बार-बार की जा रही निंदा के बीच अमेरिकी सदन के अध्यक्ष नैंसी पैलोसी (Nancy Pelosi) ने मंगलवार (2 अगस्त 2022) रात ताइवान में दस्तक दी थी। पेलोसी के उतरने के कुछ ही समय बाद 21 चीनी सैन्य विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ – Air Defence Identification Zone) के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में उड़ान भरी, जैसा कि ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (MND- Taiwan’s Ministry of National Defence) ने पुष्टि की।
ताइपे में राष्ट्रपति कार्यालय में त्साई इंग-वेन के साथ अपनी बैठक के दौरान पेलोसी ने ताइवान को एक समृद्ध देश बताया और कहा कि ताइपे ने दुनिया को साबित कर दिया है कि ताइवान सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद आशा, साहस और दृढ़ संकल्प के साथ शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकता है। पेलौसी ने आगे कहा कि- “अब पहले से कहीं ज़्यादा ताइवान के साथ अमेरिका की एकजुटता अहम है, यही पैगाम हम आज लेकर आये हैं”
पेलोसी ने आगे कहा कि, “आज दुनिया लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है, यहां ताइवान और दुनिया भर में लोकतंत्र को बनाये रखने के लिये अमेरिका लोहे की मजबूती की तरह दृढ़ संकल्पित है।”
द न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक पेलोसी के जाने से पहले बुधवार (3 अगस्त 2022) दोपहर को कई मानवाधिकार नेताओं के साथ चर्चा करने की भी संभावना है। इससे पहले दिन में पेलोसी ने ताइवान की संसद का दौरा किया और डिप्टी स्पीकर त्साई ची-चांग से भी मुलाकात की। मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि, “हम ताइवान में दोस्ती निभाने आये हैं, हम क्षेत्र में शांति के लिये प्रतिबद्ध हैं।”
यूएस-ताइवान आर्थिक सहयोग पर पेलोसी ने कहा कि उनके नये अमेरिकी कानून का मकसद ताइवान में अमेरिकी चिप कारोबार को मजबूत करना है, जो कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा। कारोबार के मुद्दे पर पेलौसी ने आगे कहा कि- “अब हम इस बारे में अपनी बातचीत का इंतज़ार कर रहे हैं कि हम धरती को जलवायु संकट से बचाने के लिये एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। हम आपके नेतृत्व के लिये धन्यवाद करते हैं और हम चाहते हैं कि दुनिया इसे पहचाने। हमारी यात्रा मानवाधिकारों, अनुचित व्यापार प्रथाओं, सुरक्षा के बारे में है।”
पेलोसी ने आगे कहा कि वो यहां ताइवान के लोगों से सुनने और सीखने के लिये हैं कि वे एक साथ कैसे आ सकते हैं। उन्होंने कोविड के मुद्दे को संबोधित करते हुए ताइपे की उपलब्धियों के लिये बधाई दी। उन्होनें कोविड को स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और शासन से जुड़ा मुद्दा बताया।
अपने ताइवान आगमन पर ट्विटर पर ट्विट करते हुए, पेलोसी ने कहा कि, “हमारी कांग्रेस की प्रतिनिधिमंडल ताइवान दौरे और ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिये अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करती है।”
संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में बयान जारी किया कि- हमारा दौरा सिंगापुर, मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान (Korea and Japan) समेत इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) व्यापक यात्रा का हिस्सा है। ये हमारी आपसी सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन पर केंद्रित है। ताइवान के नेतृत्व के साथ हमारी चर्चा हमारे समर्थन की पुष्टि करने पर केंद्रित होगी। हमारे साथी और हमारे साझा हितों को बढ़ावा देने पर काम कैसे कर सकते है, इसके रोडमैप पर मंथन होगा। इस कवायद के तहत स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाना शामिल है।”
पेलोसी ने चीन (China) से बढ़ते खतरे के मद्देनजर ताइवान के 23 मिलियन लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता भी व्यक्त की। इस बीच चीन ने मंगलवार को अमेरिकी हाउस स्पीकर की ताइवान यात्रा का कड़ा विरोध करते हुए यात्रा को एक-चीन सिद्धांत और दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित संयुक्त विज्ञप्ति के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन बताया।
इस मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि- “2 अगस्त को चीन के मजबूत विरोध और हमारी संप्रभुत्व प्रतिनिधित्व की गंभीर अवहेलना की गयी। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने चीन के ताइवान क्षेत्र का दौरा किया। ये एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है। इस नतीज़े बेहद गंभीर और दूरगामी होगें।”