Patra Chawl Case: पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने वर्षा राउत की हुई पेशी

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत आज (6 अगस्त 2022) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने “पात्रा चॉल” (Patra Chawl Case) के नवीनीकरण और संबंधित मुद्दे में लेनदेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के संबंध में पेश हुईं। इस हफ्ते की शुरूआत में वर्षा राउत को केंद्रीय एजेंसी से समन मिला था। नतीजतन वो सुबह 10:40 बजे दक्षिण मुंबई में ईडी के बैलार्ड एस्टेट ऑफिस (Ballard Estate Office) पहुंची।

इस मामले में उनके पति समेत अन्य संभावित गवाहों के किसी भी व्यक्ति आमना-सामना करवाये जाने की उम्मीद है। हालातों की भांपते हुए ईडी दफ्तर के सामने कई सौ पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं। बता दे कि ईडी मुंबई के गोरेगांव (Mumbai’s Goregaon) इलाके में पात्रा “चॉल” के नवीनीकरण से जुड़े कथित भूमि धोखाधड़ी की जांच कर रही है, जिसकी अनुमानित कीमत 1,034 करोड़ रूपये है।

इसी मामले में ईडी ने 1 अगस्त को राज्यसभा सदस्य संजय राउत (Sanjay Raut) को हिरासत में लिया और बीते गुरूवार (4 अगस्त 2022) को स्थानीय न्यायाधीश ने उन्हें 8 अगस्त तक हिरासत में रखने का आदेश दिया। पिछली सुनवाई में ईडी ने अदालत के सामने दावा किया कि संजय राउत और उनके परिवार ने आवास नवीनीकरण परियोजना के दौरान किये गये धोखाधड़ी से 1 करोड़ रूपये से ज़्यादा की कमाई की थी।

ईडी ने अप्रैल में संजय राउत, वर्षा राउत और दो अन्य की जांच में अस्थायी रूप से लगभग 11.15 करोड़ रूपये की संपत्ति अटैच की थी। प्रवीण एम.राउत, संजय राउत के सहायक और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (Guru Ashish Construction Private Limited) के पूर्व निदेशक पालघर, सफल (पालघर में एक शहर) और पड़घा में इन ज़ब्त संपत्तियों के मालिक हैं। ये सभी अटैच संपत्तियां ठाणे जिले में हैं।

वर्षा राउत के पास मुंबई जिले के दादर (Dadar) में एक घर भी है। वर्षा राउत और संजय राउत के “करीबी सहयोगी” सुजीत पाटकर (Sujit Patkar) की पत्नी स्वप्ना पाटकर (Swapna Patkar) संयुक्त रूप से अलीबाग (Alibagh) के किहिम बीच (kihim beach) में आठ प्लॉटों के मालकिन हैं।

ईडी के मुताबिक गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड चॉल के पुनर्निर्माण में लगा हुआ था, जिसमें महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA- Maharashtra Housing Area Development Authority) के मालिकाना हक़ वाली 47 एकड़ में ज़मीन में 672 लोगों के लिये घर बनाये जाने थे।

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