न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): राजस्थान (Rajasthan) में एक दलित लड़के की हत्या पर फैला गुस्सा अब राज्य में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के खिलाफ बगावत में तब्दील हो गया है, पार्टी के 12 पार्षदों ने दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को देखते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सूबे में एक दलित लड़के की मौत पर राजनीतिक विवाद के बाद राजस्थान के बारां नगर परिषद (Baran Municipal Council) में कांग्रेस के बारह पार्षदों ने बीते मंगलवार (17 अगस्त 2022) को पार्टी विधायक पाना चंद मेघवाल (Pana Chand Meghwal) का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को अपना इस्तीफा भेज दिया।
बता दे कि जालोर (Jalore) में पीने के पानी के बर्तन को छूने के लिये एक स्कूली शिक्षक द्वारा कथित तौर पर पीटने से नौ वर्षीय दलित लड़के की मौत के दो दिन बाद बारां-अटरू विधायक ने सोमवार (16 अगस्त 2022) को सीएम गहलोत को अपना इस्तीफा पत्र भेजा था।
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) मारे गये लड़के के परिवार से मिलने गये, इस मुद्दे के राजनीतिकरण की आलोचना की चाहे वो भाजपा द्वारा किया गया हो या उनकी अपनी पार्टी द्वारा। पायलट ने कहा कि दलित समुदाय (Dalit Community) का विश्वास जीतने के लिये कड़ा संदेश देने की जरूरत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्री ममता भूपेश, लोक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव (Bhajanlal Jatav) और आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल (Govind Ram Meghwal) के साथ मृतक बच्चे के घर का दौरा किया था।
जालोर जाने से पहले सचिन पायलट ने कहा कि, “ऐसी वारदातों की कड़ी निंदा करने की जरूरत है। हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगानी ही होगी। सिर्फ कानून, भाषण और कार्रवाई नाकाफी हैं। हमें उन्हें (सूबे का दलित समाज) मजबूत संदेश देना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं।”
दलित लड़के की मौत पर पायलट के संदेश और पार्षदों के इस्तीफे से अशोक गहलोत की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार के भीतर दरार पैदा हो गयी। मुख्यमंत्री ने अन्य कार्यकर्ताओं को पार्टी के खिलाफ जाने के लिये उकसाने का आरोप लगाते हुए अपने पूर्व डिप्टी पर भी निशाना साधा।
राजस्थान में उठी कांग्रेस की बगावत ऐसे वक़्त में सामने आ रही है, जब कमोबेश जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच ठीक ऐसे ही हालात देखे जा रहे है। जहां कांग्रेसी की अंदरूनी कलह के कारण वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) समेत दो अन्य नेताओं ने पीसीसी पद से इस्तीफा दे दिया।