एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): चीन (China) के साथ तनाव के बीच ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Taiwan’s President Tsai Ing-wen) ने ये दिखाने के लिये एक वीडियो जारी किया कि कम्युनिस्ट राष्ट्र द्वारा हाल ही में संपन्न सैन्य अभ्यास के दौरान चीनी सैन्य जहाज (Chinese Military Ship) ताइवान के कितने करीब थे।
ताइवान ने जानकारी दी कि उसने बीते गुरूवार (18 अगस्त 2022) को 51 फाइटर जेट्स और छह युद्धपोतों को ट्रैक किया था, उस दौरान कम से कम 25 विमानों ने या तो ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) की मध्य रेखा को पार किया या फिर ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में घुसपैठ की। हालांकि इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी (US House Speaker Nancy Pelosi) के ताइवान दौरे के बाद 3 अगस्त से चीनी फाइटर जेट्स ने कई बार दोनों देशों के बीच की मध्य रेखा को पार किया है।
बता दे कि दोनों देशों ने सैन्य अभ्यास (Military Exercises) किया, हालांकि स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में रही और दोनों पक्षों ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि चीन ताइवान को अलग प्रांत मानता है जिसके बारे में उसने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो वो इस द्वीप राष्ट्र पर ज़बरन कब़्जा कर लेगा। इसी क्रम में पिछले साल चीन ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में रिकॉर्ड तादाद में युद्धक विमान भेजे थे।
अमेरिका ने कहा है कि वो चीन और ताइवान को अपने विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिये समझौता करवाना चाहता है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo-Pacific Region) के लिये राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) के कोर्डिनेटर कर्ट कैंपबेल (Kurt Campbell) ने हाल ही में कहा कि, “हम इसे कमजोर करने और ताइवान का समर्थन करने के लिये बीजिंग के चल रहे प्रयासों के सामने शांति और स्थिरता बनाये रखने के लिये शांत और दृढ़ कदम उठाना जारी रखेंगे।”
हाल ही में हुए सैन्य युद्धाभ्यास के बाद अमेरिका और ताइवान ने सर्दियों में व्यापार वार्ता शुरू करने की योजना का ऐलान किया, जिसमें वाशिंगटन और ताइपे (Washington and Taipei) के बीच ग्यारह कारोबारी क्षेत्रों पर चर्चा की जायेगी, जिसमें व्यापार सुविधा, डिजिटल व्यापार, गैर-बाजार नीतियां खासतौर से शामिल हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने आगामी व्यापार वार्ता की निंदा की और अमेरिका से “एक चीन” सिद्धांत का सम्मान करने और ताइवान के साथ सभी आधिकारिक बातचीत को रोकने का आग्रह किया, जबकि दूसरी ओर ताइपे ने इस कदम का स्वागत किया।